मध्यप्रदेश

स्वस्थ शरीर के लिए थोड़ी ठंडी-गर्मी और धूप भी लगनी चाहिए – बाबा उमाकान्त महाराज

स्वस्थ शरीर के लिए थोड़ी ठंडी-गर्मी और धूप भी लगनी चाहिए – बाबा उमाकान्त महाराज

धूप जिनके बदन में नहीं लगती है, उनको कैल्शियम की कमी हो जाती है

उज्जैन। बाबा उमाकान्त महाराज ने बताया कि शरीर पर जो रोएं होते हैं, उन रोओं के बगल में छिद्र होता है, उन्हीं छिद्रों से गर्मी, ठंडी, हवा अंदर जाती है और उसके अंदर से भी उसी तरह की चीज निकलती है। उन रोओं अंदर से गर्मी निकलती है और फिर जब ठंडी हवा लगती है तो वही जैसे भाप बन जाता है और इसी तरह से पसीना चालू हो जाता है। अब इन छिद्रों को अगर ढक दिया जाए तो ठंडी-गर्मी का असर शरीर पर नहीं होता है। कपड़े का काम क्या होता है? कपड़े का काम होता है कि रोओं के पास जो छिद्र होते हैं वह ढक जाएं और वह ढक जाने के बाद फिर ठंडी, गर्मी नहीं लगती है।

थोड़ा बहुत ठंडी-गर्मी भी शरीर को मिलना चाहिए

थोड़ा बहुत ठंडी-गर्मी भी शरीर को मिलना चाहिए। जो लोग ए.सी. (एयर कन्डिशन) में ही रहते हैं, धूप जिनके बदन में नहीं लगती है उनको कैल्शियम की कमी हो जाती है, और फिर डॉक्टर उनको कैल्शियम की दवा खिलाता है। इसीलिए थोड़ी बहुत ठंडी-गर्मी शरीर में लगनी चाहिए, धूप लगनी चाहिए।

जमीन पर नंगे पैर चलने से, शरीर को आवश्यक तत्व मिल जाते हैं

बच्चों का शरीर, यह जो धरती की मिट्टी है, रेत है इसमें खेलने से मजबूत होता है। आजकल बहुत सी बच्चियां कहती हैं कि धूल, मिट्टी में खेलने से बच्चों का शरीर गंदा हो जाएगा। जबकि मिट्टी में रहने से उनमें मजबूती आती है। मिट्टी में रहने से शरीर को तत्व मिल जाता है। जमीन के ऊपर अगर आप नंगे पैर चलो, तो उसमें तत्व मिल जाते हैं और यह जो मोटी-मोटी मिट्टी होती है, वह पैर का एक्यूप्रेशर भी कर देती है, उससे हाथ और पैर के पॉइंट्स भी दब जाते हैं और रोग भी हटता है।

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