बस्तर में मसीही मानने वाले मृत्यु के बाद अपने ही गांव के पैतृक भूमि में भाइयों द्वारा दफन करना हों गया हैं गैर कानूनी कार्य, मृतक को भाइयों द्वारा किया गया दफ़न 6 भाई एक अन्य बुजुर्ग साथ,7 लोगो को थाना दरभा द्वारा भेजा गया जेल, संविधान से मिले अधिकारो को कुचलने का प्रयास, दुःख की घड़ी में शोकित परिवार के लोगो को ही भेजना जेल कहा का न्याइक कदम छत्तीसगढ़ युवा मंच इस कृत्य का घोर निंदा करता हैं - नरेन्द्र भवानी /छ. ग. यु. म
मृतक पास्टर की मृत्यु के बाद उनके अपने गांव के पैतृक भूमि में परिवार द्वारा दफनाया गया अपने संवैधानिक अधिकार अनुसार पर मृतक के भाइयों को ही थाना दरभा द्वारा भेजा गया जेल, यह कैसा इन्साफ, की गई कार्यवाही पर करेंगे काउंटर रिपोर्ट दर्ज, लोगो के संवैधानिक अधिकारो के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं - नरेन्द्र भवानी /छ. ग. यु. म
जगदलपुर : मामले में छत्तीसगढ़ युवा मंच संगठन के संस्थापक नरेन्द्र भवानी नें बयान जारी कर बताया हैं की मसीही मानने वाले समाज के धर्म गुरु पा.ईश्वर नाग, उम्र लगभग 55 वर्ष, का 18 अक्टूबर, 2024 को ग्राम तोंगपाल, जिला सुकमा, छत्तीसगढ़, में निधन हो गया। पादरी का शव उनके पैतृक गांव छिंदावाड़ा,थाना दरभा, जिला बस्तर, छत्तीसगढ़ लाया गया। गांव के ही उनके पैतृक कब्रिस्तान में शाम करीब 5 बजे परिवार द्वारा दफ़नाया गया।
भवानी नें आगे बताया हैं की दफ़न के वक़्त थाना दरभा का टी.आई. एवं शाम के समय पखनार चौकी प्रभारी आकर शोकित परिवार से पूछने लगे कि तुम किसके अनुमति से शव यंहा दफ़न किये?और परिजनों द्वारा यह भी बताया की धमकी देने लगे की कुछ भी हो सकता है अभी, तुम्हारे खिलाफ एफ आई आर हो सकता है इत्यादि।
भवानी नें आगे बताया हैं,की हालाकि दिनांक 19/10/2024 सुबह से ही कुछ समूहों ने आपत्ति उठानी शुरू कर दी थी क्योंकि शव को दफनाने के लिए दूसरे गांव से लाया गया था ऐसा शिकायत कर्ताओ का सोच था , पर ऐसा था नहीं शव उसी गांव का निवासी था जिसे जानबूझकर इस तथ्य की अनदेखी की गई कि मृतक पादरी वास्तव में गांव का ही था, जिसके चलते यहाँ माहौल खराब होने की संभावना बनी।
भवानी नें आगे कहा हैं की सुबह से ही पुलिस बडे चालाकी से पा.जलदेव अंधकुरी एवं अन्य लोगों को यह कहकर थाना बुलाई कि गॉव में उपद्रव हो रहा है, तूम्हारे रहने से कुछ भी अनहोनी हो सकता है और आप लोग से बयान लेना है मृतक के विषय में। फिर उनका फ़ोन सब अपने पास रख कर किसी को भी खबर करने न देकर शाम को कुछ घर के ही लोगों को जो मुख्य रूप से दफ़नाने में शामिल 6 पास्टर भाइयों और 1 बुजुर्ग के खिलाफ धारा 107, 116 और 151 के तहत एफआईआर दर्ज की गई । सभी को 19 अक्टूबर को दिन भर से अपनी गिरफ्त में रख कर शाम को सेंट्रल जेल, जगदलपुर भेज दिया गया है।
भवानी नें बताया हैं की मसीही मानने वाले मामले में लगातार थाना दरभा अन्यर्गत किसी भी पीड़ित को न्याय नहीं मिला, घटना गांव एलंगनार में भी कइयों के साथ मार पिट हुवा थाना प्रभारी द्वारा शून्य कार्य किया गया, गांव कपानार में तो भाई कोसा का हत्या हों गया सही डियूटी नहीं निभाने के कारण और अब यह मृत्यु के मसले में अचानक माहौल खराब का हवाला देकर भोले भाले मसीही धर्म गुरुओ को ही क्रीमनल साबित कर जेल भी भेज दिए यह कैसा डियूटी आखिर बस्तर पुलिस ऐसा कैसे कर सकती हैं, निर्दोष लोगो को जबरन जेल भेजना यह कहा का कानून जबकि कानून का पहला ही जिम्मेदारी होता हैं की भले सौ दोषी छुट जाए पर एक भी निर्दोष व्यक्ति जेल नहीं जाना चाहिए,यह दरभा थाना की कार्यवाही कुल मिला के गैर संवैधानिक कार्यवाही हैं, जबरन शान्ति भंग का आरोप लगा इज्जतदार लोगो को जेल भेजना महज अपनी निष्क्रियता छुपाने का मात्र प्रयास हैं, मामले में काउंटर एफ, आई, आर, की करेंगे पहल,यह कार्यवाही निंदनीय हैं लोगो के संवैधानिक अधिकारो को कुचलनें का प्रयास हैं, बस्तर पुलिस अधिक्षक जी से निवेदन हैं ऐसे थाना प्रभारियों को थाना प्रभार से मुक्त कर देना चाहिए जो किसी भी विशेष वर्ग पर हों रहें जुल्म पर लगातार उन्हें न्याय दिलाने में नाकाम हुवे हों।
मुख्य रूप से भाइयों के नाम निम्न हैं : पा.जलदेव अंधेकुरी, पा. रामधर नाग, पं. शंदास अंधकुरी, पं. प्रेमदास अंधकुरी, पं. धनी नाग, पं. पीलू नाग, भाई। बाली नाग।