हरियाणा

सभी नामदानी जिनको जयगुरुदेव नाम से प्रेम है आप 17 से 25 मई तक नौ दिन का साधना शिविर लगा दो – बाबा उमाकान्त महाराज

सभी नामदानी जिनको जयगुरुदेव नाम से प्रेम है आप 17 से 25 मई तक नौ दिन का साधना शिविर लगा दो – बाबा उमाकान्त महाराज

आप सब लोग जो यह नौ दिन का शुभ मुहूर्त निकला है इसमें साधना करो

बावल, रेवाड़ी, हरियाणा। बाबा उमाकान्त महाराज ने 14 मई, 2025 को बावल आश्रम में सतसंग के माध्यम से बताया कि गुरु महाराज के भंडारे के समय साधना का नौ दिन का मुहूर्त निकाला गया है। 17 मई से 25 मई तक उज्जैन आश्रम पर यह साधना शिविर चलेगी। जो लोग उज्जैन नहीं आ सकते हैं, उनके लिए जितने भी अपने बाबा जयगुरुदेव आश्रम के नाम से आश्रम बने हुए हैं, आप वहीं पर पांच-पांच दिन की शिविर लगा दो। तो जो लोग जिस आश्रम के नजदीक हैं और उज्जैन नहीं आ सकते हो तो आप वहीं पर समय के अनुसार पांच दिन बैठें और सच्चे भाव व निर्मल हृदय से गुरु को याद करें। जब साधना करें तो गुरु से प्रार्थना करें कि हमारे ऊपर भी दया करो तो जैसी आपकी श्रद्धा, भाव-भक्ति होगी उसी हिसाब से गुरु आप सब पर दया करेंगे। अगर आप शिविर की व्यवस्था कई जगह पर, गांव-गांव में बना ले गए तो आपको भी लाभ मिलेगा। अब अगर कोई साधना शिविर कहीं नहीं लगा पाता है तो आप अपने-अपने घरों में नौ दिन का लगा दो, 24 घंटे, 48 घंटे, 72 घंटे, 120 घंटे का लगा दो। अब अगर परिवार के लोगों का सहयोग ना मिला पाए तो आप खुद कम से कम 24 घंटे में से 5-6 घंटे तो बैठो ही बैठो; चाहे दो-दो घंटों के खंड में ही 3-4 बार बैठो तो आपको भी गुरु देंगे।

24 घंटे में 5-6 घंटे ही अगर बैठोगे तो गुरु आपको आगे का रास्ता दिखा देंगे

जो लोग गुरु महाराज के नामदानी हैं या जो बाद के नामदानी हो, नाम अगर आपको कुछ याद है, जयगुरुदेव नाम से आपको प्रेम है, आप इस वक्त देश-विदेश में कहीं भी हो, गुरु का या किसी भी देवी-देवता का मंदिर बना कर के चला रहे हो, कोई संस्था चला रहे हो, मठ बना लिया, इस तरह से आप कहीं भी हो आप सब भी इसी तरह का नौ दिन का साधना शिविर लगा दो और उसमें खुद भी बैठो और लोगों (नामदानी) को भी बैठाओ। आप नामदानी चाहे मठाधीश हो, किसी धार्मिक संस्था के अध्यक्ष हो या जो भी हो; आप लोग अगर यह काम कर ले गए तो जितना लोग आपको मानते हैं उससे ज्यादा मानने लगेंगे। आप 24 घंटे में 5-6 घंटे ही अगर बैठोगे तो आपको आगे क्या करना है यह रास्ता गुरु दिखा देंगे।

गुरु महाराज जो काम मुझे सौंप कर के गए, उसी काम में मैं लगा हुआ हूं

गुरु महाराज जो काम मुझे सौंप कर के गए, उसी काम में मैं लगा हुआ हूं। जो लोग हमें अपना दुश्मन मानते हैं, हमारे पास नहीं आते हैं, विरोध भी करते हैं, हम उनसे यह नहीं कहते हैं कि हमारे पास आओ। अगर आओगे तो आपका स्वागत है, हम आपको गले लगाएंगे, आपको सम्मानित जगह देंगे लेकिन आप साधन-भजन-ध्यान-सुमिरन करने के लिए आओ। तो गुरु महाराज जिनके नाम को बढ़ाने में आप लगे हो, आप भी आओ। अगर नहीं आ सकते हो, हमको दुश्मन ही मानते हो, तो भी हमारा यह फर्ज बनता है कि हम आपसे प्रार्थना कर लें गुरु के काम नाम के लिए कि आप लोग 5-6 घंटे बैठने तो लग जाओ नौ दिन। जब आप बैठने लग जाओगे तो आपको भी राह मिल जाएगी। यह हमारा फर्ज बनता है क्योंकि गुरु महाराज ने कहा था कि “यह पुरानों की सम्भाल करेंगे” तो सम्भाल वाला फर्ज मैं अदा कर रहा हूं। और फर्ज अदा करने के लिए अगर हमें किसी का पैर भी छूना पड़े तो हमें कोई एतराज नहीं है। तो हम उस फर्ज के अंतर्गत, गुरु के आदेश के अंतर्गत सब लोगों से यह प्रार्थना कर रहे हैं कि आप लोग जो यह नौ दिन का शुभ मुहूर्त निकला है इसमें साधना करो।

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