छत्तीसगढ़ में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का हुआ गठन: खुलेआम नशा करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, नशे का अवैध व्यापार करने वालों की संपत्ति होगी कुर्क…

दुर्ग: दुर्ग जिले में एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस) और साइबर क्राइम को लेकर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में राज्य के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।उन्होंने कहा कि यह समाज में नशाखोरी रोकने के लिए बड़ा कदम है।
अब पुलिस और प्रशासन खुलेआम नशा करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगा। छत्तीसगढ़ में पहली बार 10 जिलों में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य नशीली दवाओं के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना और नशे के कारोबार में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़े कदम उठाना है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति नशीली दवाओं के अवैध व्यापार से संपत्ति अर्जित करेगा, उसकी संपत्ति को पूरी तरह से कुर्क की जाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नशे के खिलाफ इस तरह की सख्ती पहली बार किसी सरकार द्वारा लागू की जा रही है। इस कार्यशाला में जिलेभर से सैकड़ों दवा विक्रेता शामिल हुए। इसके अलावा, नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी और जिले के पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
नागपुर की घटना को लेकर दी चेतावनी –
गृहमंत्री ने नागपुर में हो रही हिंसक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन्होंने जजिया कर लगाया और शिवाजी और उनके पुत्रों के साथ जो किया, वह इतिहास में सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का यह कभी भी आदर्श मॉडल नहीं रहा है और न ही रहेगा।
नशा रोकने प्रशासन का सहयोग करने की अपील –
कार्यक्रम के अंत में गृहमंत्री ने दवा विक्रेताओं से अपील की कि वे नशे के खिलाफ प्रशासन का सहयोग करें और युवाओं को नशे से दूर रखने में अपनी भूमिका निभाएं। कार्यशाला में मौजूद सभी विक्रेताओं ने नशे के खिलाफ मुहिम में प्रशासन और पुलिस का पूरा साथ देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वे किसी भी नौजवान को बिना उचित दस्तावेज और डॉक्टर की पर्ची के कोई दवा नहीं देंगे। खासतौर पर नशीली दवाओं और सिरिंज जैसी वस्तुएं बिना चिकित्सकीय पर्ची के किसी को भी नहीं बेची जाएंगी।