CG Vyapam Exam : फार्म फ्री होते ही आवेदकों की दिखी भरमार, 21 हजार में से परीक्षा देने पहुंचे केवल इतने आवेदक, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट…..

रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यापम ने परीक्षाओं को मुफ्त कर दिया, लेकिन लोग मुफ्त का फॉर्म भर तो रहे हैं। मगर परीक्षा देने नहीं आ रहे। व्यापम ने सोचा था कि बच्चों के सपनों की कीमत हटा दी जाए। लेकिन बच्चों ने सपने देखना ही छोड़ दिया। छत्तीसगढ़ व्यापम ने परीक्षा शुल्क माफ कर दिया, तो आवेदन करने वालों की बाढ़ आ गई-जैसे शादी में फ्री का खाना देखकर दूर-दूर के रिश्तेदार पहुंच जाते हैं। लेकिन जब असली इम्तिहान देने की बारी आई, तो 23 मार्च को हुई मत्स्य निरीक्षक परीक्षा में महज 9% परीक्षार्थी ही परीक्षा केंद्र तक पहुंचे। बाकी 91% नहीं पहुंच पाए।
उम्मीदवार सूरज नामदेव का कहना है कि 23 मार्च को जो पेपर हुआ उसका पैटर्न बहुत ज्यादा टफ नहीं था, बीएससी बायो वालों के लिए काफी अच्छा पेपर था। व्यापम नि:शुल्क परीक्षा कराती है इसलिए लोग फॉर्म तो भर देते है लेकिन उनका परीक्षा की तैयारी का मन नहीं होता है इसलिए लोग परीक्षा देने नही आते है।
जॉइंट एग्जाम कंट्रोलर केदार पटेल का कहना है कि “मतस्य निरीक्षक परीक्षा में 21 हजार लोग ने आवेदन किया था सिर्फ 1900 लोग परीक्षा में शामिल हुए जो 9 प्रतिशत है, परीक्षा में शामिल ना होने की वजह पर कुछ नहीं बोल सकते, लेकिन व्यापम की दूसरी परीक्षा में 50 से 55 फीसदी लोग शामिल होते है।
शिक्षाविद राजीव गुप्ता का कहना है कि नि:शुल्क परीक्षा बेरोजगार के लिए फायदेमंद है, लेकिन शासन को नुकसान होता है। शासन को घाटे से बचने के लिए रेलवे की तरह शुल्क लेना चाहिए और जो परीक्षा दे उन्हें शुल्क वापस कर दे, इससे सही लोग ही परीक्षा फॉर्म भरेंगे।