राजस्थान

नवरात्र के पहले मिलने वाले बड़े आदेश से पहले 72 – 72 घंटे की चारों अखण्ड साधना शिविर लगा लो – बाबा उमाकान्त महाराज

नवरात्र के पहले मिलने वाले बड़े आदेश से पहले 72 – 72 घंटे की चारों अखण्ड साधना शिविर लगा लो – बाबा उमाकान्त महाराज

नवरात्र से पहले दूसरा आदेश मिलेगा और वह ज्यादा फलदाई होगा

जोधपुर, राजस्थान। बाबा उमाकान्त महाराज ने 2 सितंबर 2025 के सतसंग में कहा कि चार खंडों में लग रहे बहत्तर घंटे की अखण्ड साधना शिविर को जल्दी से जल्दी पूरा कर लो। पूज्य बाबाजी ने कहा कि नवरात्र से पहले दूसरा आदेश मिलेगा और वह ज्यादा फलदाई होगा। लेकिन उस आदेश को लागू होने से पहले 72 – 72 घंटे की ये चारों (चित्त की, बुद्धि की, अंतःकरण की एवं विवेक की साधना) साधना शिविर लगा लो।

इन चारों साधना शिविरों का महत्व :

चित्त की साधना का महत्व : जब तक भजन में चित्त नहीं लगेगा, तब तक मन नहीं कहेगा कि साधना करो। तो इसमें जो लगातार तीन दिन साधना किए होंगे, ज्यादा से ज्यादा समय दिए होंगे तो चित्त यह चिंतन करने लगा होगा कि अपना असला काम यह (साधना) है, सुख यहां पर है, शांति यहीं पर है।

बुद्धि की साधना का महत्व : तीन दिन की बुद्धि की साधना में जब बुद्धि ही नहीं लगा पाते, बुद्धि ही नहीं काम करती है तो चित्त को जो चिन्तन करना है, बुद्धि उसका साथ नहीं देती है। जैसे कहते हैं कि इनकी बुद्धि ही काम नहीं करती है। तो इसमें बैठने से बुद्धि काम करने लग जाती है साधना के लिए।

अंतःकरण की साधना का महत्व : इस साधना शिविर में बैठे होते तो आपका अंतःकरण साफ होता। यह जो अंतर में कर्मों की गंदगी है, यह साफ होती।

विवेक की साधना का महत्व : जब अंतःकरण साफ हो जाता, तब इस साधना शिविर में बैठने से विवेक जग जाता और आप इस काम पर अडिग हो जाते।

जो अभी तक चारों साधना शिविर में नहीं जा पाए उनके लिए संदेश

जो इन साधना शिविरों को नहीं लगा पाए, नहीं बैठ पाए तो चलो कोई बात नहीं है। देने वाले का बड़ा लंबा हाथ है, सफाई करने वाले के हाथ में ऐसा गुण होता है कि कोई चीज की सफाई करनी होती है तो जिसको जानकारी होती है, कैसा भी दाग क्यों न हो उसको वो साफ कर देते हैं। तो सब कुछ हो सकता है, लेकिन जब चेत जाओगे। जो समय बचा है 10 – 12 दिन का, इसमें अगर आप चेत जाओगे और चारों का कोटा पूरा कर लोगे तो उसमें भी आपको गुरु की दया का अनुभव हो जाएगा।

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