जो गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में पहुंचेगा, साधना शिविर में पहुंचेगा, खाली नहीं लौटेगा – बाबा उमाकान्त महाराज

जो गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में पहुंचेगा, साधना शिविर में पहुंचेगा, खाली नहीं लौटेगा – बाबा उमाकान्त महाराज
तुम अच्छे काम के लिए चल पड़ो, तुम्हारी मदद होगी, गुरु कदम-कदम पर तुम्हारे साथ रहेंगे
रजनी विहार, जयपुर। बाबा उमाकान्त महाराज ने 4 जुलाई को प्रातःकाल के सतसंग में कहा कि बहुत से लोग तो यही सोच रहे हैं कि कैसे जाएं गुरु पूर्णिमा में, कैसे पहुंचे। देखो! ये दिक्कतें, ये परेशानी, ये बीमारी, कहीं और ना बीमार हो जाऊं, कहीं और ना तकलीफ हो जाए। तो गुरु पर से भरोसा हटा कि नहीं हटा? जब गुरु कहते हैं कि तुम अच्छे काम के लिए चल पड़ो, तुम्हारी मदद होगी, जब गुरु कहते हैं कि कदम-कदम पर मैं तुम्हारे साथ हूं, तब विश्वास हटा कि नहीं हटा? विश्वास हट जाता है, बहुत से लोग नहीं पहुंच पाते हैं। कल ठिकरिया में जहां गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम हो रहा है, वहां साधना शिविर लगेगी, वहाँ 24 घंटे में समय निकालना है, 2 घंटा, 3 घंटा के लिए पहुंच जाओ। लेकिन मन जो है वो नहीं पहुंचने देगा, कर्म नहीं पहुंचने देंगे। तो यह क्या है? यह कर्म जो आ गए उसकी बाधा है, उसकी सजा है।
सन्त दरस को जाइए, तज ममता अभिमान, ज्यों – ज्यों पग आगे बढ़े, कोटिन यज्ञ समान
चाहे नए हों, चाहे पुराने हों; खाली कोई नहीं लौटेगा। जो गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम में पहुंचेगा, जो साधना शिविर में पहुंचेगा उसको कुछ ना कुछ फायदा तो होगा ही होगा, ऐसी दया गुरु की बरसेगी। गुरु की दया की वर्षा होगी, कोई चाहे तो अनुभव करके देख लेना। अब किसी-किसी को अनुभव नहीं होगा, क्यों नहीं होगा? जैसे बरसात होती है और कहा जाए कि यह स्वाति की बूंद है, यह पहली बरसात है, इससे घमौरी ठीक हो जाएगी, खुजली ठीक हो जाएगी, पसीने से जो बीमारियां स्किन में (चमड़े में) हुई है, वह ठीक हो जाएगी, इसमें नहा लो। अब कोई कहे कि हम छाता लगा के चलेंगे नहीं तो बरसात में भीग जाएंगे, तो उसका मर्ज ठीक होगा? नहीं ठीक होगा। इसीलिए कहा जाता है कि “सन्त दरस को जाइए, तज ममता अभिमान, ज्यों-ज्यों पग आगे बढ़े, कोटिन यज्ञ समान” जब ऐसे स्थानों पर जाया जाए जो गुरु महाराज जैसे परम सन्त थे, उनके दर्शन-दीदार के लिए जब अंतर में जाया जाए, साधना करने के लिए, उनकी वाणियों को जो सुनाने का आदेश हुआ और सुनाया जाएगा, जब वहां पर जाएं तब इन सब चीजों को छोड़ दें।