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जो पांच दिन का साधना शिविर लगातार कर लेगा, उसको तकलीफों में आराम मिलना शुरू हो जाएगा – बाबा उमाकान्त महाराज

जो पांच दिन का साधना शिविर लगातार कर लेगा, उसको तकलीफों में आराम मिलना शुरू हो जाएगा – बाबा उमाकान्त महाराज

इधर-उधर दौड़ लगाने के बजाय, एक इसी को साध लो तो सब बात बन जाएगी

अहमदाबाद, गुजरात। परम सन्त बाबा उमाकान्त महाराज ने कहा कि जिसने इस दुनिया को बनाया, हम सब के शरीर को तैयार कराया, उसने कर्मों का बड़ा जटिल विधान बना दिया। जटिल किसको कहते हैं? कठिन, जैसे ऐसी गांठ बांध दो कि जल्दी खुले ही नहीं। ऐसा ही उसने जटिल विधान बना दिया। कर्मों के विधान से कोई बच नहीं सकता है।

जो भी मनुष्य शरीर में इस धरती पर आया, चाहे राम भगवान, कृष्ण भगवान रहे हों, चाहे महावीर भगवान, बुद्ध भगवान रहे हों या चाहे अन्य कोई महात्मा रहे हों, कर्मों से कोई बच नहीं पाए। यहां तक कि सन्तों को भी कर्म झेलना पड़ा, बीमारियां झेलनी पड़ी, तकलीफ झेलनी पड़ी।

अंडा, मांस खाने से कर्म लदेंगे और बीमारी और बढ़ेगी

सतसंग सुनते हुए भी कई लोग, रोग को ठीक करने के लिए अंडा, मांस खा लेते हैं। अब आप यह सोचो कि वह कैसे ठीक होंगे? उससे तो और कर्म लदेंगे, बीमारी और बढ़ेगी। अब कर्म कटेंगे नहीं, रोग ठीक हुआ ही नहीं तो फिर जयगुरुदेव भी बोलना बंद कर देते हैं। फिर वही दौड़; तांत्रिक के पास चले जाओ, ओझा के पास, मुल्ला, पुजारी के पास चले जाओ, ऐसे दौड़ लगाते रहते हैं।

एक काम ‘साधना’ अगर कर ले जाओ तो यह दुनिया का संकट खत्म हो जाएगा

दौड़ लगाने के बजाय एक इसी को साध लो और लोगों को सधवा दो तो सब बात बन जाएगी,
“एके साधे सब सधे, सब साधे सब जाय”।

जैसे दाल बनाते हो तो अगर दाल के एक-एक दाने में नमक डालोगे तो डाल पाओगे? नहीं डाल सकते हैं। इसी तरह खिचड़ी बनाते हैं तो एक-एक चावल में नमक नहीं डाल सकते हैं। और अगर पतीली में डाल दो जिसमें खिचड़ी, दाल बन रही है तो सब में फैल जाएगा। ऐसे ही एक काम – साधना, अगर इसको कर ले जाओ तो दुनिया का संकट तो खत्म हो ही जाएगा, कुछ दिन में खत्म हो जाएगा, धीरे-धीरे आराम मिलने लगेगा। जो पांच दिन का साधना शिविर लगातार कर लेगा, उसको तकलीफ में आराम मिलना शुरू हो जाएगा। जो ज्यादा से ज्यादा समय उसमें दे देगा, उसको आराम मिलना शुरू हो जाएगा। और जो कम से कम पांच साधना शिविर लगवा ले जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैठा ले जाएगा, उसको भी तकलीफों में आराम मिलने लग जाएगा।

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