छत्तीसगढ़

CG – ग्रामीण बनें मिशाल जल संरक्षण व भंडारण क्षमता बढ़ाने का सराहनीय प्रयास: सामुदायिक भागीदारी से किया जा रहा तालाब गहरीकरण और विस्तार कार्य पढ़े पूरी ख़बर

कोरबा/पाली//जल ही जीवन है। गांव में तालाब है,ये गहरा होगा तो इसमें पानी संरक्षित होगा और गांव का भूजल स्तर भी बढ़ेगा। तालाब से बारहमासी निस्तारी और सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इसलिए “साथी हाथ बढ़ाओ”…! सरपंच ने समझाइश के साथ गांव वालों से अपील की,तो महिला पुरुष ग्रामीण हाथों में कुदाल,गैंती,तसले लेकर तालाब पर पहुँच गए और शुरू हो गया तालाब के गहरीकरण,विस्तार और पार बांधने का काम।

सामुदायिक भागीदारी से कैसे जल संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है,यह उत्कृष्ट उदाहरण करीब 950 मतदाता वाले पूटा के ग्रामीणों ने पेश किया है। जिले के पाली जनपद पंचायत के अधीन ग्राम पंचायत पूटा के ग्रामीणों द्वारा श्रमदान करके व राशि इकट्ठा कर गांव के तालाब का गहरीकरण और विस्तार के साथ पार बंधाई का कार्य किया जा रहा है। ताकि आने वाले बारिश से जल भंडारण क्षमता में वृद्धि हो और जल संरक्षण में मदद मिले तथा भूजल का स्तर भी बढ़े। जिससे बारहमासी निस्तारी के साथ सिंचाई के लिए भी पानी मिल सके। तालाब गहरीकरण और विस्तार के लिए पूटा के ग्रामीणों का यह प्रयास सराहनीय है। बता दें कि ग्राम के मिलनमुड़ा तालाब में लोगों के निस्तारी के लिए बारहमासी पानी रहता था, किंतु गत वर्ष भारी बारिश से तालाब का मेढ़ फूट जाने से पानी बह गया और तालाब पूरी तरह सूख गया। बरसात के पानी को सहेजने के लिए बीते माह जनपद पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत तालाब का गहरीकरण कराया गया, लेकिन पर्याप्त बजट नही मिलने के कारण गहरीकरण का काम अपेक्षाकृत नही हुआ। ऐसे में गांव के लोगो को निस्तारी कार्य के लिए पानी की समस्या से जूझना न पड़े, साथ ही बरसाती पानी को संरक्षित किया जा सके, इसके लिए गांव के सरपंच दिलाराम नेताम ने ग्राम के लोगों के साथ बैठक की व तालाब के अपेक्षित गहरीकरण, विस्तार एवं पार बांधने के संबंध पर चर्चा करते हुए मदद मांगी। सरपंच के कहने पर गांव वालों ने संगठित होकर तालाब को गहरा करने उसके विस्तार का संकल्प लिया और ग्राम के महिला- पुरुष ने मिलकर श्रमदान के तहत तालाब को गहरा करने का काम शुरू किया है। पानी बर्बाद न हो इसके लिए फूटे मेढ़ को बांधकर ऊंचा कर दिया। साथ ही राशि इकट्ठा कर मशीन के भी माध्यम से तालाब का विस्तार कराया जा रहा है। सामुदायिक प्रयास से जल संरक्षण और ग्रामीण विकास के इस महत्त्वपूर्ण कदम को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि बरसाती पानी बहकर तालाब में इकट्ठा होता था, जो सालभर लोगों के निस्तारी काम आता था, पर पिछले साल हुए भारी बारिश से तालाब का मेढ़ फूट जाने से पूरा पानी बह गया और तालाब सूखा हो गया। रोजगार गारंटी योजना के तहत बीते माह तालाब का गहरीकरण कार्य तो हुआ पर उससे बारहमासी पानी का लाभ मिलना संभव नही लग रहा था, इसलिए श्रमदान कर तालाब का और गहरीकरण व उसके मेढ़ भराई के साथ ऊंचा करने का काम किया जा रहा है। तालाब के गहरे हो जाने से बरसात का पानी भरपूर रुकेगा और पानी रुकने से जलस्तर बढेगा। इससे ग्रामीणों को आने वाले बरसात तक निस्तारी के लिए तथा किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा, साथ ही आसपास गांव के लोगों को भी इस तालाब का लाभ मिलेगा। मिलनमुड़ा तालाब का जनसहयोग से गहरीकरण, मेढ़ भराई व विस्तार का यह प्रयास संरक्षण के प्रति ग्रामीणों की जागरूकता को दर्शाता है।

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