Bihar Election 2025: NDA या महागठबंधन—बिहार में कौन जीतेगा चुनाव? ओपिनियन पोल के आंकड़े चौंकाने वाले…

बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आए एक ओपिनियन पोल ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। InkInsight द्वारा जारी किए गए इस सर्वेक्षण में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य छोटी पार्टियों का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने की राह पर है।
सर्वे के मुताबिक 48.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए को वोट देंगे, जबकि उनमें से 35.8 प्रतिशत ने कहा कि वे राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वामपंथी दलों के महागठबंधन को वोट देंगे। सर्वे में एनडीए को महागठबंधन पर स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद तेजस्वी यादव बने हुए हैं।
किसे कितने प्रतिशत वोट मिलने की संभावना?
- एनडीए को वोट देने की इच्छा रखने वाले: 48.9%
- महागठबंधन के पक्ष में वोट डालने की मंशा: 35.8%
- यह InkInsight का दूसरा सर्वे है, जिसमें मई 2025 वाले सर्वे के समान ही रुझान दिखाई दिए हैं। इससे संकेत मिलता है कि एनडीए की पकड़ बिहार में मजबूत बनी हुई है।
बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए पसंद
- तेजस्वी यादव (राजद) – 38.3%
- नीतीश कुमार (जदयू) – 35.6%
- चिराग पासवान (LJP-R) – 4.6%
- प्रशांत किशोर (जन सुराज) – 2.3%
- सम्राट चौधरी (भाजपा) – 1.7%
- भाजपा से नया चेहरा चाहिए – 12.3%
लिंग के आधार पर वोटिंग रुझान
- पुरुषों में NDA को पसंद करने वालों का प्रतिशत: 43.6%
- महिलाओं में NDA को पसंद करने वालों का प्रतिशत: 54.7%
- वहीं महागठबंधन को पुरुषों में 39.8% और महिलाओं में 31.2% समर्थन मिला है।
उम्र के आधार पर समर्थन
- 60 वर्ष से ऊपर: NDA – 53%, महागठबंधन – 39.2%
- 40-49 वर्ष: NDA – 51.9%, महागठबंधन – 30.5%
- 50-59 वर्ष: NDA – 48.8%, महागठबंधन – 38.2%
- 18-29 वर्ष: NDA – 47.3%, महागठबंधन – 34.8%
- 30-39 वर्ष: NDA – 46.8%, महागठबंधन – 38%
बिहार में क्या-क्या होंगे मुख्य चुनावी मुद्दे
- बेरोजगारी – 51.2%
- महंगाई – 45.7%
- भ्रष्टाचार – 41%
- बुनियादी सुविधाएं (सड़क, पानी, बिजली) – 36.9%
- कानून-व्यवस्था – 19.5%
जातिगत समीकरण
महागठबंधन को समर्थन
- यादव – 56.9%
- मुस्लिम – 68.1%
- अनुसूचित जनजाति (ST) – 53.2%
एनडीए को समर्थन
- कुर्मी (नीतीश की जाति) – 85.1%
- हिंदू सवर्ण – 79.4%
- कोइरी/कुशवाहा – 66.2%
- दुसाध/पासवान – 59.2%
- अन्य ओबीसी व अति पिछड़ा वर्ग – 57.3%
- अन्य दलित (SC) – 52.6%
- दिलचस्प बात यह रही कि यादव समुदाय के 32.5% मतदाता भी एनडीए के पक्ष में झुकाव रखते हैं।
हालांकि सर्वे के मुताबिक एनडीए बहुमत की ओर बढ़ता दिख रहा है, लेकिन जनता की पहली पसंद मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी यादव हैं, जो महागठबंधन के लिए उम्मीद की किरण हैं। वहीं, जातीय समीकरण और बेरोजगारी जैसे प्रमुख मुद्दे चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये आंकड़े जमीनी हकीकत में बदलते हैं या सियासी हवा करवट लेती है।