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Bihar Election 2025: क्या नीतीश कुमार को NDA अपना CM चेहरा घोषित करेगी? क्या कहते हैं ओपिनियन पोल के आंकड़े….

बिहार: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है। भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य छोटे दलों के गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में बहुमत मिलने के संकेत मिल रहे हैं। यह खुलासा InkInsight द्वारा जारी एक ओपिनियन पोल के नतीजों में हुआ है।

बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने हैं और सर्वे के मुताबिक एनडीए मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। InkInsight के वॉल्यूम 2 ओपिनियन पोल में यह भी जनता से पूछा गया है कि क्या नीतीश कुमार को NDA का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाना चाहिए? आइए जानें जनता की राय क्या है।

क्या NDA को नीतीश कुमार को अपना सीएम चेहरा घोषित करना चाहिए?

यह सवाल सर्वे में सबसे दिलचस्प रहा। जनता की राय इस पर काफी बंटी हुई नजर आई।

  • 44.9% लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार को NDA का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करना चाहिए। वहीं 19.3% लोग इसके खिलाफ हैं।
  • 24% लोग असमंजस में हैं यानी उन्होंने ‘कह नहीं सकते’ विकल्प चुना है। 11.7% मतदाता ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं करना चाहिए।

इस डेटा से एक बात तो साफ होती है -नीतीश कुमार को अब भी एक बड़ा वर्ग समर्थन दे रहा है, लेकिन उनके नेतृत्व को लेकर सर्वसम्मति नहीं है। NDA को इस पर रणनीतिक सोच की जरूरत है।

अगर NDA को वोट करना हो, तो जनता किसे चुनेगी?

जब सवाल पूछा गया कि अगर वे NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को वोट देंगे, तो किस पार्टी को देंगे, तो जवाबों में साफ बढ़त BJP (भारतीय जनता पार्टी) की दिखी।

  • BJP को 64.7% वोट मिलने की संभावना जताई गई।
  • इसके बाद JDU (जनता दल यूनाइटेड) को 30.6% वोट मिलते दिख रहे हैं।
  • LJP (लोक जनशक्ति पार्टी) को सिर्फ 4.4%, और
  • HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) को मात्र 0.7% मतदाताओं ने चुना।
  • इससे साफ होता है कि NDA के भीतर भी भाजपा का दबदबा सबसे ज्यादा है, जबकि सहयोगी दलों को सीमित समर्थन मिल रहा है।

अगर महागठबंधन को वोट देना हो तो किसे मिलेगा समर्थन?

महागठबंधन के भीतर जनता की पसंद और भी स्पष्ट है।

  • RJD (राष्ट्रीय जनता दल) को भारी समर्थन के साथ 82.7% मत मिले हैं।
  • कांग्रेस को 13.5%
  • वाम दलों (लेफ्ट) को 3.3%
  • VIP (विकासशील इंसान पार्टी) को केवल 0.4%

इससे साफ है कि महागठबंधन में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली RJD का वर्चस्व बना हुआ है, जबकि अन्य सहयोगी दल अपेक्षाकृत कमजोर नजर आ रहे हैं। InkInsight का यह सर्वे इस बात का स्पष्ट संकेत है कि बिहार की राजनीति में मतदाता अब गठबंधन के अंदरूनी समीकरणों को गहराई से समझ रहे हैं।

BJP और RJD अपने-अपने गठबंधनों के सबसे मजबूत स्तंभ बने हुए हैं। नीतीश कुमार को लेकर मत बंटा हुआ है, जिससे NDA को चुनावी रणनीति में और स्पष्टता लाने की जरूरत होगी।

महागठबंधन में तेजस्वी यादव की पकड़ मजबूत बनी हुई है, लेकिन सहयोगियों को लेकर चिंता बरकरार है। आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के लिहाज से यह ओपिनियन पोल एक अहम संकेतक साबित हो सकता है। गठबंधन को न सिर्फ वोटरों का विश्वास जीतना होगा, बल्कि आपसी तालमेल और चेहरे की विश्वसनीयता को भी मजबूती देनी होगी।

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