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Bihar News: अश्विनी वैष्णव का जमालपुर रेल कारखाना दौरा बना सियासी चर्चा का केंद्र, ₹78 करोड़ की परियोजना से बदल सकते हैं बिहार के चुनावी समीकरण…

बिहार : बिहार के मुंगेर जिले में स्थित ऐतिहासिक जमालपुर रेल इंजन कारखाने को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में लाने वाला कदम उठाया गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहां ₹78 करोड़ की लागत से बनने वाले नए वैगन मरम्मत कारखाने की परियोजना का शिलान्यास किया। इस परियोजना से जमालपुर कारखाने की POH (Periodical Overhauling) क्षमता में बढ़ोतरी होगी और अब हर महीने 545 से बढ़ाकर लगभग 800 वैगनों की मरम्मत की जा सकेगी।

यह मौका कई मायनों में ऐतिहासिक रहा, क्योंकि पिछले 17 सालों में पहली बार कोई रेल मंत्री इस जमालपुर रेल कारखाने में पहुंचे हैं। इससे पहले सााल 2008 में उस समय के रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने जमालपुर का दौरा किया था।

जमालपुर को मिली 78 करोड़ की सौगात: रोजगार और आर्थिक लाभ की उम्मीद

नई परियोजना से न सिर्फ जमालपुर क्षेत्र को औद्योगिक बढ़त मिलेगी, बल्कि सैकड़ों स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है। इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन में कहा कि ”बिहार के विकास के बिना देश का समग्र विकास अधूरा है” और केंद्र सरकार पूर्वी भारत को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने को प्रतिबद्ध है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज जमालपुर के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत यहां चार विषयों-वेल्डिंग, वीमेट्रिक्स, हाइड्रोलिक्स और मेकेट्रॉनिक्स-पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों के लिए जरूरी सामान, ट्रेनिंग की प्रक्रिया और तकनीकी जरूरतों की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

उन्होंने कहा कि इन सेंटरों में सिर्फ रेल कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी। आने वाले 10 से 12 महीनों के भीतर इन केंद्रों में पहला बैच शुरू किया जाएगा। अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि हर इक्विपमेंट की खरीदी, उसके रख-रखाव और उससे जुड़ी ट्रेनिंग की पूरी व्यवस्था यहीं की जाएगी।

रेल मंत्री ने जोर देकर कहा कि इन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को पूरी गंभीरता और प्राथमिकता के साथ विकसित किया जाएगा, ताकि जमालपुर न केवल तकनीकी शिक्षा का केंद्र बने, बल्कि क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोले।

जमालपुर रेल इंजन कारखान का इतिहास

  • जमालपुर रेल इंजन कारखाना देश और एशिया का पहला रेल कारखान है। जमालपुर रेल कारखाने की स्थापना 8 फरवरी 1862 को अंग्रेजों ने की थी।
  • जमालपुर रेल इंजन कारखाने में 620.58 वैगन की हर महीने मरम्मत होती है। यहां जर्मनी के बाद पहली 140 टन डीजल हाइड्रोलिक क्रेन बनती है।
  • जमालपुर रेल इंजन कारखाने में पहले कर्मचारियों की संख्या 20 हजार से ज्यादा थी। जो अब लगभग 6 हजार कर्मचारी तक सिमट गई है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में असर तय

चुनावी राज्य में यह कदम आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखकर उठाया गया एक रणनीतिक प्रयास हो सकता है। बिहार में पूर्वी क्षेत्रों, खासकर मुंगेर और आसपास के जिलों में रेल कारखाने का रोजगार से जुड़ा गहरा नाता है। ऐसे में केंद्र सरकार की यह घोषणा न सिर्फ विकास के एजेंडे को मजबूत करेगी, बल्कि सत्ताधारी दल को राजनीतिक लाभ भी दिला सकती है।

कहा ये भी जा रहा है कि यह निवेश सीधे तौर पर ‘विकास बनाम जातीय समीकरण’ की बहस को पुनर्जीवित करेगा और बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को पूर्वी बिहार में बढ़त दिला सकता है। वहीं विपक्षी दलों के लिए यह चुनौती बन सकता है कि वे ऐसे ठोस विकास कार्यों के सामने किस मुद्दे को प्रमुखता दें।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह कदम केवल एक औद्योगिक विस्तार नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से एक अहम दांव भी है। जमालपुर को फिर से राष्ट्रीय रेल नेटवर्क में प्रमुख स्थान देना और युवाओं को रोजगार का भरोसा देना, आने वाले चुनावी माहौल में बड़ा प्रभाव छोड़ सकता है।

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