बिहार

Bihar News: ‘डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान’, किसे मिलेगा लाभ, कब और कैसे लगेंगे शिविर, योजना का क्या है उद्देश्य, देखें पूरी डिटेल्स…

बिहार : डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में ‘डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान’ की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य IEC प्रचार वैन के माध्यम से सभी 38 जिलों में सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।

यह अभियान सभी समुदायों के लिए सामाजिक न्याय और समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। यह अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों को उनके गांवों और बस्तियों में सीधे सरकारी सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है।

Dr. Ambedkar Samagr Seva Abhiyan का उद्देश्य?

इसका मुख्य लक्ष्य एससी/एसटी समुदायों को उनके अधिकार और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है। बिहार में 60,000 से अधिक एससी/एसटी बस्तियों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जिससे एक ही स्थान पर 22 प्रमुख सरकारी योजनाओं तक पहुंच उपलब्ध होगी।

शिविर सप्ताह में दो बार आयोजित किए जाएंगे: बुधवार को प्रत्येक ब्लॉक की आधी पंचायतों में तथा शेष में शनिवार को। यह कार्यक्रम तब तक जारी रहेगा जब तक कि सभी बस्तियों को कवर नहीं कर लिया जाता।

शिविरों का आयोजन: पंचायत सचिव और विकास मित्र प्रत्येक शिविर का प्रबंधन करेंगे। संबंधित विभागों के कर्मचारी मौजूद रहेंगे, तथा एक पर्यवेक्षी अधिकारी संचालन की देखरेख करेगा। जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट पूरी जिम्मेदारी संभालेंगे।

इन शिविरों में लाभार्थी विभिन्न योजनाओं का सीधे लाभ उठा सकते हैं, जिनमें राशन कार्ड वितरण, उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन, शैक्षिक लाभ, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड अपडेट, कौशल प्रशिक्षण, रोजगार योजनाएं, आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा, आवास योजनाएं, वृद्धावस्था/विधवा/विकलांग व्यक्तियों के लिए पेंशन, नल-जल योजनाएं, गली-नाली पहल, स्वच्छता अभियान, जन-धन खाते जैसी बैंकिंग सेवाएं और जीवन ज्योति और सुरक्षा बीमा जैसी बीमा पॉलिसियां शामिल हैं।

सरकार का दृष्टिकोण

इस अभियान के माध्यम से सरकार का लक्ष्य लोगों को सेवाओं के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता को समाप्त करना है। ‘हर टोला, हर परिवार, हर सेवा’ के तहत कर्मचारी सीधे गांवों में जाकर सेवाएं प्रदान करेंगे। यह दृष्टिकोण समावेशी विकास का उदाहरण है।

अतिरिक्त लाभों में मनरेगा जॉब कार्ड और रोजगार के अवसर, टोला संपर्क योजना भूमि अधिकार प्रमाण पत्र (वासगीत पर्चा), और स्वरोजगार के लिए स्थायी आजीविका सहायता शामिल हैं। यह पहल आवश्यक सेवाओं को हाशिए पर पड़े समुदायों के निकट लाकर उन्हें सशक्त बनाने की बिहार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

(डॉ। अंबेडकर)

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