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Bihar News: विधानसभा चुनाव से पहले एक्शन मोड में नीतीश सरकार, अवैध हथियारों पर चलेगा ‘मिशन मोड’ अभियान…

बिहार : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार एक्शन मोड में है। प्रदेश में बढ़ते फायरिंग और हथियारों के मामलों को देखते हुए सरकार ने अवैध हथियारों और गोलीबारी की घटनाओं पर नकेल कसने की बड़ी तैयारी शुरू कर दी है।

राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने रविवार 15 जून को जानकारी दी कि चुनाव से पहले मसल पावर पर लगाम लगाने के लिए अवैध हथियारों की धरपकड़ और अनाधिकृत निर्माण इकाइयों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह ड्राइव ‘मिशन मोड’ में चल रही है।

लाइसेंसी हथियारों पर भी अब होगी पैनी नजर

राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि सभी जिलों में प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे लाइसेंसी हथियारों की सघन जांच करें। लाइसेंस धारकों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका डेटा नेशनल डेटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस (NDAL-ALIS) पोर्टल पर तुरंत अपलोड किया जाए। अगर किसी का लाइसेंस पोर्टल पर दर्ज नहीं है तो वह अवैध माना जाएगा।

अब साल में नहीं मिलेंगी 200 गोलियां

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि लाइसेंसधारकों को मिलने वाली गोलियों की संख्या में भारी कटौती की जा रही है। अब उन्हें साल भर में 200 नहीं, सिर्फ 25 राउंड गोलियां दी जाएंगी। साथ ही, हर गोली की कीमत भी बढ़ाई जाएगी -जो अभी ₹175 से ₹200 के बीच है। अगली खेप लेने से पहले पुरानी इस्तेमाल की हुई कारतूस की खाली खोख (cartridge case) जमा करना अनिवार्य होगा।

बंद पड़ी हथियार की दुकानों पर भी गिरेगी गाज

बिहार में कई लाइसेंसी गन शॉप्स ऐसे हैं जो लंबे समय से बंद हैं। अब ऐसे दुकानदारों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। राज्य सरकार की मंशा साफ है -बंदूक के डर से नहीं, लोकतंत्र के दम पर होगा चुनाव।

छह हफ्ते बाद होगा रिव्यू

मीणा ने बताया कि छह हफ्तों के बाद अभियान की समीक्षा की जाएगी, जिसमें वे खुद, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी शामिल होंगे। राज्य में हाल के दिनों में गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। सिर्फ पटना में ही पिछले एक हफ्ते में 6 लोगों की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है।

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