Bihar News: तेजस्वी यादव का ‘जमाई आयोग’ तंज, NDA में मचा हड़कंप बिहार में परिवारवाद पर छिड़ी सियासी जंग….

पटना। बिहार की सियासत में इन दिनों रिश्तों की गूंज सुनाई दे रही है। सियासी पारा तब चढ़ गया जब राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा तंज कसते हुए कहा,“अब तो ‘जमाई आयोग’ भी बना दीजिए, ताकि सभी रिश्तेदारों का ख्याल रखा जा सके।” तेजस्वी यादव का यह बयान हाल ही में गठित आयोगों और नियुक्तियों में कथित रूप से एनडीए नेताओं के परिजनों को ‘मलाईदार पद’ दिए जाने के खिलाफ था। उनका यह तंज सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,चिराग पासवान, और जीतन राम मांझी की ओर था।
तेजस्वी के निशाने पर कौन-कौन?
तेजस्वी यादव ने इस बार एनडीए के परिवारवाद की परतें एक-एक कर उधेड़ दीं। उन्होंने आरोप लगाया कि: देवेंद्र मांझी, जीतनराम मांझी के दामाद, को आयोग में जगह दी गईमृणाल पासवान, चिराग पासवान के बहनोई, को अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में नियुक्त किया गया संजय झा (जेडीयू नेता) की दोनों बेटियों को एक ही दिन सुप्रीम कोर्ट में ग्रुप-A के पैनल काउंसिल बना दिया गया तेजस्वी ने सवाल उठाया कि अगर इन सभी रिश्तेदारों को अहम पदों पर बैठाया जा सकता है, तो फिर नीतीश कुमार को ‘जमाई आयोग’ बनाने में क्या हर्ज है?
NDA का पलटवार
तेजस्वी के हमले के बाद एनडीए नेताओं ने एक सुर में पलटवार किया। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा, “जो खुद परिवारवाद से आए हैं, वो दूसरों पर सवाल उठा रहे हैं, ये हास्यास्पद है।”
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, “जिनके पास मुद्दे नहीं होते, वो निजी हमलों पर उतर आते हैं। तेजस्वी पहले अपने गिरेबान में झांकें।” जीतन राम मांझी ने भी इस बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया।
चुनावी जमीन पर असर?
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं, और तेजस्वी यादव का यह हमला ठीक चुनावी साल में हुआ है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तेजस्वी ने इस बार एनडीए की उस कमजोरी पर वार किया है, जिस पर अक्सर वे तेजस्वी को घेरते आए हैं परिवारवाद।
अब जब एनडीए के नेताओं के रिश्तेदार भी सत्ता-संस्थानों में दिखाई दे रहे हैं, तो तेजस्वी को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मुद्दा वाकई वोटिंग पैटर्न को प्रभावित करेगा।