Bihar Politics: क्या चिराग पासवान की BJP से हो गई है डील या अति-महत्वाकांक्षा में खेल रहे बड़ा दांव?

बिहार: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) काफी दिलचस्प होते नजर आ रहे हैं। इस बार एनडीए और इंडिया (INDIA Alliance) गठबंधन के अलावा प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी मैदान में है। मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधन के बीच ही माना जा रहा है, लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि पीके बहुत से उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं। अब चिराग पासवान भी बिहार में चुनाव लड़ने से लेकर 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर रहे हैं। हालांकि, चिराग ने अब तक एक बार भी नहीं कहा है कि वह एनडीए से बाहर आएंगे। अब यह सिर्फ उनकी महत्वाकांक्षा है या पर्दे के पीछे से कोई डील हुई है?
पवन कल्याण बनने की राह पर चिराग पासवान?
आंध्र प्रदेश में बीजेपी ने चंद्रबाबू नायडू की पार्टी (टीडीपी), पवन कल्याण की जनसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। नतीजों के बाद नायडू सीएम और पवन कल्याण डिप्टी सीएम बने थे। हालांकि, चिराग यहां यह भूल रहे हैं कि बीजेपी की आंध्र प्रदेश में जो ताकत है उसकी तुलना में वह बिहार में काफी मजबूत है। दूसरी बात चिराग पासवान की लोकप्रियता पवन कल्याण जैसी नहीं है। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में बीजेपी और चिराग पासवान के बीच आपसी सहमति से समझौते की बात से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।
चिराग पासवान ज्यादा की चाह में सब कुछ न खो दें
चिराग पासवान ने 2020 में गठबंधन से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और उनकी पार्टी को करारी हार मिली थी। हालांकि, चुनाव नतीजों ने यह जरूर स्पष्ट कर दिया कि चिराग की वजह से जेडीयू को काफी नुकसान हुआ था। फिलहाल वह केंद्रीय मंत्री हैं और पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर बिहार बीजेपी के नेता भी दोहरा रहे हैं कि सीएम का चेहरा नीतीश ही होंगे। अब एक सवाल यह भी है कि क्या चिराग की बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका तलाशने की महत्वाकांक्षा में जो कुछ है उसे भी न गंवा दे। हालांकि, अब तक चिराग ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं और घुमा-फिराकर ही अपनी बात कह रहे हैं। बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद शायद यह सारी तस्वीर साफ हो जाए।