बीजेपी और आरएसएस आदिवासीयों को संवैधानिक जानकारी से रखना चाहती है वंचित : रुकमणी कर्मा
वन अधिकार मान्यता अधिनियम एवं पेशा अधिनियम के क्रियान्वयन तथा प्रशिक्षण हेतु आयोजित कार्यशाला को रद्द करना असंवैधानिक -: रुकमणी कर्मा
दंतेवाड़ा : रुकमणी कर्मा ने कहा कि पेशा कानून अधिनियम एवं वन अधिकार मान्यता से अधिनियम 2006 के संबंध में सर्व आदिवासी समाज के द्वारा 24 नवंबर को बादल एकेडमी में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को प्रशासन के द्वारा निरस्त करना असंवैधानिक है। आरएसएस और बीजेपी आदिवासीयों को संवैधानिक जानकारी से वंचित रखना चाहती है। बीजेपी को डर है कि आदिवासीयों को संवैधानिक जानकारी मिल जाएगी तो अपने अधिकार के लिए सरकार से सवाल करेंगे इसी बात की डर आरएसएस और बीजेपी को सता रही है।
कुछ दिन पूर्व ईसाई समाज के ब्लेश बस्तर कार्यक्रम को भी प्रशासन ने रद्द किया था ठीक उसी प्रकार आदिवासियों के इस कार्यक्रम को भी रद्द किया गया है, प्रशासन के अधिकारी आखिर किसके दबाव में काम कर रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासी होने के बाद भी सर्व आदिवासी समाज के कार्यक्रम का निरस्त होना हम आदिवासीयों के लिए बेहद चिंताजनक है।
आखिरकार प्रशासन के बिना सहयोग के सर्व आदिवासी समाज ने अपने पैसों से चंदा करके यह कार्यक्रम को कोया कूटमा समाज भवन परपा में सफल आयोजन किया।