CG BIG ब्रेकिंग : मारा गया एक करोड़ का इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा, जिसके सिर पर था सैकड़ो बेगुनाहों के क़त्ल का आरोप, दो दिन पहले माँ ने की थी ‘सरेंडर’ की अपील…..

रायपुर। नक्सलवाद के खात्मे के लिए चलाए गए ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। कुख्यात नक्सली माड़वी हिड़मा को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। हिड़मा के अलावा 5 अन्य नक्सलियों को भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह एनकाउंटर आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर हुआ है। पुलिस को इन जंगलों में कई नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। मुखबिरी के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आज सुबह से ही सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच फायरिंग चल रही है। इस दौरान पुलिस ने सुकमा में भी 1 नक्सली को मार गिराया है।
वहीं, आंध्र प्रदेश में हिड़मा समेत 6 नक्सलियों का एनकाउंटर किया गया है। अल्लुरी सीताराम जिले के एसपी अमित बरदार के अनुसार, आज सुबह 6:30-7 बजे के करीब मारेडुमिल्ली मंडल के जंगल में एनकाउंटर शुरू हुआ था। अब तक 6 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना मिली है। यह पुलिस और सुरक्षाबलों के द्वारा चलाया गया साझा ऑपरेशन है। बता दें कि माड़वी हिड़मा को सबसे खूंखार नक्सलियों में गिना जाता है। हिड़मा आम नागरिकों समेत सुरक्षाबलों पर हुए 26 नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, जिसमें कई लोगों की जान भी गई है।
माडवी हिड़मा साल 1996 में नक्सल संगठन से जुड़ा था। तब उसकी उम्र महज 17 साल थी। हिड़मा को हिदमाल्लु और संतोष नाम से भी जाना जाता है। उसने अब तक कई निर्दोष ग्रामीण और पुलिस जवानों को मार चुका। उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। हिड़मा संगठन संगठनों का टॉप लीडर माना जाता है। माडवी हिड़मा साल 2004 से अब तक 27 से अधिक हमलों में शामिल था। इन हमलों में 2013 का झीरम अटैक और 2021 का बीजापुर अटैक शामिल है।

150 से अधिक जवानों का हत्यारा था माडवी हिड़मा
बता दें कि कुख्यात हिड़मा को सुरक्षा बलों के खिलाफ उसके अभियानों के लिए जाना जाता है। 3 अप्रैल 2021 को सुरक्षाबल पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर-1 के कमांडर माड़वी हिड़मा को पकड़ने निकले थे, लेकिन मौके पर नक्सलियों ने जवानों पर हमला बोल दिया और इस मुठभेड़ में 22 जवानों की मौत हो गई थी।
वहीं अप्रैल 2017 के बुर्कापाल हमले में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए थे। दंतेवाड़ा हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। राज्य पुलिस के मुताबिक, दंतेवाड़ा हमले में भी हिड़मा ने सामने से नेतृत्व किया था।
सुकमा में हुआ था हिड़मा का जन्म
हिड़मा का जन्म दक्षिण सुकमा के पुवार्ती गांव में हुआ था और वो बीजापुर में एक स्थानीय जनजाति से संबंध रखता था। वो माओवादियों की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PGLA) बटालियन-1 का हेड था। इसके अलावा माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का भी सदस्य था। इतनी ही नहीं सीपीआई की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का सदस्य था।



