CG ब्रेकिंग : एक दर्जन शिक्षक सहित 27 कर्मचारियों-अधिकारियों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर कर रहे थे नौकरी…..

बिलासपुर। फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करने वालों की अब खैर नहीं है। 27 अधिकारियों व कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गयी है। फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सहारे छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में 27 ऐसे लोगों को खुलासा हुआ है जो बहरापन का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट हासिल कर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे हैं। सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के भरोसे व्याख्याता बन बैठे हैं। संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, सिम्स CIMS और संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर से मेडिकल रिपोर्ट को फर्जी करार दिए जाने के बाद कलेक्टर मुंगेली ने विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर कर्मचारियों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया है।
कलेक्टर ने आधा दर्जन विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर बताया है कि सिम्स और डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर के मेडिकल रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई है कि मुंगेली जिले में विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे 27 लोगों ने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण हासिल कर नौकरी हासिल कर ली है। कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को लिखे पत्र में इन कर्मचारियों की सूची के साथ विभाग की सूची भी जारी कर दी है, जहां ये फर्जी दिव्यांगत प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे हैं।
विभाग प्रमुखों को कलेक्टर ने इस तरह का जारी किया पत्र
फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय नौकरी कर रहे शासकीय कर्मी को बर्खास्त करने का निर्देश देते हुए कलेक्टर मुंगेली ने लिखा है कि आपके कार्यालय से दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय नौकरी कर रहे अधिकारियों/कर्मचारियों का संलग्न सूची अनुसार नाम प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही करते हुए संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, सिम्स चिकित्सालय बिलासपुर, छत्तीसगढ़ एवं संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक, डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर (छ०ग०) को नियमानुसार जांच हेतु पत्र भेजा गया था।
फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद हाई कोर्ट में दायर कर दी याचिका
दिव्यांगता सर्टिफिकेट को सिम्स व डा भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट को फर्जी करार देने के बाद कुछ कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। कलेक्टर ने अपने पत्र में इस बात का भी हवाला दिया है। कलेक्टर ने अपने पत्र में इस बात की भी जानकारी दी है कि कुछ कर्मचारियों का मेडिकल जांच हुआ है तथा कुछ कर्मचारी मेडिकल जांच में उपस्थित नही हुएं।
कलेक्टर ने बर्खास्तगी के लिए इनको लिखा पत्र
. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत
. जिला शिक्षा अधिकारी
. उप संचालक, कृषि
. सहायक संचालक, उद्यान
. श्रमपदाधिकारी
. जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी