CG ब्रेकिंग : पुलिस का बड़ा एक्शन,हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर ग्वालियर से गिरफ्तार,आज रायपुर लाएगी टीम…

डेस्क : राजधानी रायपुर की पुलिस ने आखिरकार कुख्यात सूदखोर और हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। पुरानी बस्ती थाना और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दबिश देकर आरोपी को पकड़ा है। छत्तीसगढ़ के सूदखोर वीरेंद्र तोमर को पुलिस ने विंडसर हिल से गिरफ्तार किया है। इसके बाद पुलिस ने वीरेंद्र को हिरासत में लेकर रायपुर ला रही है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई कई महीनों की सतत निगरानी और ट्रैकिंग के बाद संभव हुई है।
जून से था फरार, बार-बार बदल रहा था ठिकाना
वीरेंद्र तोमर और उसका भाई रोहित तोमर, दोनों 2 जून 2025 से फरार चल रहे थे। उनके खिलाफ रायपुर में धोखाधड़ी, वसूली, धमकी और अवैध सूदखोरी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों भाई लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहते थे और मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर मूव करते थे।
हाल ही में दोनों भाइयों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, उनकी पत्नियों और भतीजे को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
कैसे गिरफ्तार हुआ वीरेंद्र तोमर ?
छत्तीसगढ़ के सूदखोर वीरेंद्र तोमर को पुलिस ने विंडसर हिल से गिरफ्तार किया है। वह कई दिनों से यहां अपने एक सहयोगी के घर में छिपा हुआ था। बता दें, फरार हुए वीरेंद्र तोमर की छत्तीसगढ़ पुलिस को कई दिनों से तलाश थी। रायपुर पुलिस ने कई जगह दबिश दी, लेकिन उसका पता नहीं लग पा रहा था।
आखिरकार, रायपुर पुलिस को मालूम चला कि वीरेंद्र ग्वालियर में है। इसके बाद, रायपुर पुलिस ने ग्वालियर आकर एसपी धर्मवीर सिंह से मदद मांगी। एसपी ने पुलिस टीम को रायपुर पुलिस के साथ भेजा। इसके बाद उसके छिपने के ठिकाने विंडसर हिल में दबिश देकर दबोच लिया।
अध्यक्ष बताकर करता था वसूली
सूदखोर वीरेंद्र तोमर के खिलाफ छत्तीसगढ़ मे कई मामले दर्ज है। पीड़ितों की शिकायत के बाद वहां के आईजी अमरेश मिश्रा ने गंभीरता से लिया। इसके बाद इसके ठिकानों पर छापे मारे गए। सूत्रों की मानें तो यह खुद को अध्यक्ष बताकर वसूली किया करता था। वह 420 के मामले में फरार आरोपी ग्वालियर मे छिपा हुआ था।
वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी तोमर के खिलाफ दर्ज केस-
2006: आजाद चौक में कारोबारी पर चाकू से हमला
2010: गुढियारी में मारपीट और उगाही
2013: हत्या का मामला
2015: अप्राकृतिक कृत्य की रिपोर्ट
2016: मारपीट और धमकी (पुरानी बस्ती)
2017: महिला से मारपीट और जान से मारने की धमकी
2019: सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी, मारपीट और धमकी
2025: आर्म्स एक्ट की कार्रवाई



