CG ब्रेकिंग : धान खरीदी में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई, 4 समिति प्रबंधक निलंबित, 50 पर FIR दर्ज

खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के धान उपार्जन को सुचारू और सुरक्षित रखने के लिए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने धान खरीदी कार्य को अत्यावश्यक सेवा घोषित करते हुए 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक किसी भी कर्मचारी द्वारा कार्य से इनकार पर ESMA के तहत कार्रवाई लागू कर दी है। प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि धान खरीदी केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि किसानों से किया गया वादा और राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है।



50 समिति प्रबंधक ड्यूटी से अनुपस्थित
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार धान उपार्जन केंद्रों में तैनात 50 समिति प्रबंधक 15 नवंबर को अपनी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए। इसे सरकारी आदेश का उल्लंघन और धान खरीदी प्रक्रिया में बाधा मानते हुए इनके विरुद्ध FIR दर्ज कराने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा गया है। प्रशासन ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की टालमटोल या जानबूझकर बाधा को गंभीर अनुशासनहीनता माना जाएगा।
51 नए केंद्र प्रभारी और ऑपरेटरों को आपात प्रशिक्षण
धान खरीदी प्रक्रिया प्रभावित न हो, इसके लिए शनिवार सुबह जिला सभा कक्ष में 51 नए केंद्र प्रभारियों और 51 ऑपरेटरों को त्वरित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में माप–तौल की सटीकता, पोर्टल संचालन, भुगतान प्रक्रिया, पारदर्शिता और किसान सुविधा से जुड़े निर्देश शामिल थे। प्रशासन ने दोबारा साफ किया कि यदि कोई भी नव पदस्थ अधिकारी कार्य से पीछे हटता है, तो उस पर भी ESMA के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई होगी।
4 समिति प्रबंधकों का निलंबन
धान खरीदी में लापरवाही और कार्य से अनुपस्थिति पाए जाने पर इटार, डोकराभाठा, गढ़ाडीह और हनईबंद केंद्रों के चार समिति प्रबंधकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन ने कहा कि किसानों को कतार, प्रतीक्षा या असुविधा जैसी कोई समस्या न हो, यह सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि धान खरीदी कार्य एक संवेदनशील सेवा है, जिसे किसी भी स्थिति में बाधित नहीं होने दिया जाएगा। आदेश का पालन न करने वालों की जिम्मेदारी तय कर उचित कानूनी और विभागीय कदम उठाए जाएंगे।



