CG बंटी-बबली गिरफ्तार : अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, 26 फ्लैट, 40 करोड़ की प्रॉपर्टी, बंटी-बबली स्टाइल में 150 करोड़ की ठगी, ऐसे हुआ अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़…..

जशपुर। छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस ने दो ऐसे शातिर ठगों को पकड़ा है, जिनका ठगी का तरीका ऐसा था कि बड़े-बड़े व्यवसायिक संस्थान इनके झांसे में आ जाते थे। ठगों की जोड़ी ने अबतक के 150 करोड़ की ठगी की घटना को अंजाम दिया था और ठगी के पैसों ने अपने लिए महंगी कोठी और महंगी गाड़ी खरीदी है। पुलिस आरोपियों की संपत्तियों के संबंध में जानकारी इकठ्ठा कर रही है, जिसके बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।
जानिए पूरी कहानी
दरअसल, 20 अप्रैल को पीड़ित अमित कुमार अग्रवाल निवासी पत्थलगांव ने थाना पत्थलगांव में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसके साथ राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन नई दिल्ली की डायरेक्टर अनीता उपाध्याय व उनके साथी सौरभ सिंह, रत्नाकर उपाध्याय, व प्रांशु अग्रवाल के द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम से स्वेटर सप्लाई करने हेतु 5 करोड़ 70 लाख रु की ठगी की है।
रिपोर्ट पर थाना पत्थलगांव में बी एन एस की धारा 316(2)(5),318(4),336(1)(3),338,340(2),341(1),346 व 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। जाँच के दौरान मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह के द्वारा, एसडीओपी पत्थलगांव धुर्वेश कुमार जायसवाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम गठित कर आरोपियों की तलाश के लिए दिल्ली रवाना किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर के द्वारा पुलिस टीम की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी।
दिल्ली में कैंप
पुलिस की टीम दिल्ली में दो दिनों तक कैंप लगाकर लगातार आरोपियों की पातासाजी कर रही थी। इस प्रकरण के चारों अभियुक्त इतने शातिर थे कि वे आपस में वाईफाई के माध्यम से व्हाट्सएप्प कॉलिंग के द्वारा ही बात करते थे। अपने मोबाइल फोन को अधिकांश बंद रखते थे, जिससे कि उन्हें ट्रेस करना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था। इसी दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन की ट्रस्टी अनीता उपाध्याय का एक मोबाइल नंबर कुछ देर के लिए चालू हालत में मिला। वह अपने कस्टमर से बात रही थी। पुलिस ने उसी नंबर से अनिता उपाध्याय से कस्टमर बन खुद को मंत्रालय का अधिकारी बताकर 1000 करोड़ रूपए का ऑर्डर दिलवाने का लालच दिया।
ऐसे आरोपी महिला तक पहुंची पुलिस
मीटिंग होटल ताज चाणक्यपूरी दिल्ली में बुलाया। अनिता उपाध्याय इतनी शातिर थी कि शुरू में मीटिंग के लिए तैयार नहीं हो रही थी। वह दो दिनों तक पुलिस को गुमराह करती रही। पुलिस के द्वारा अनिता उपाध्याय से बार बार संपर्क कर उसे विश्वास में लिया गया। पुलिस की कोशिश रंग लाई और वह होटल ताज में मीटिंग हेतु राजी हो गई। होटल ताज में पुलिस का एक अधिकारी सादी वर्दी में व एक स्थानीय को हायर कर तत्काल नया कोट पेंट खरीदकर पहनाया व उसे अपना असिस्टेंट बताकर अनीता उपाध्याय से मिलवाया।
पुलिस ने प्रोफेशनल तरीके से अनिता उपाध्याय से बातचीत कर उसे विश्वास में लिया कि वे मंत्रालय के अधिकारी है व 1 हजार करोड़ रूपए का ऑर्डर दिलवा सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें, उनके बॉस रत्नाकर उपाध्याय से उन्हें मिलवाना पड़ेगा। जिस पर विश्वास में आकर अनिता उपाध्याय ने रत्नाकर को उसके एक अत्यंत गोपनीय मोबाइल नंबर पर काल किया। मीटिंग के संबंध में बताया गया। इसी दौरान पुलिस की टेक्निकल टीम जो कि अनिता उपाध्याय के मोबाइल नंबर पर लगातार नजर रख रही थी, उनके द्वारा रत्नाकर उपाध्याय को ट्रेस कर लिया गया। दिल्ली स्थिति जशपुर पुलिस की टीम उसकी धर पकड़ के लिए रवाना हुई।
रत्नाकर उपाध्याय इतना शातिर था कि वह टैक्सी बुक कर मोबाइल फोन को ऑन रखकर लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था। पुलिस की टीम जब पहले लोकेशन पर पहुंची उससे पहले वह दूसरे लोकेशन पर पहुंच गया था। इस दौरान वह दिल्ली के कई जगहों पर लोकेशन बदलता रहा। पुलिस टीम लोकेशन ट्रेस कर लगातार पीछा करती रही। पुलिस सागरपुर (दिल्ली) में मेडिकल स्टोर के पास आरोपी को पकड़ने में सफल हुई।
पुलिस के द्वारा जब रत्नाकर उपाध्याय को अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाया गया तब आरोपी के द्वारा पुलिस की गिरफ्त से बचने मेरा अपहरण किया जा रहा है कहते हुए चिल्लाने लगा। जशपुर पुलिस की टीम के द्वारा तत्काल निकटतम दिल्ली पुलिस के थाने में सूचित किया गया। इस दौरान दिल्ली पुलिस भी घटना स्थल में पहुंची। पुलिस की गिरफ्त से बचने रत्नाकर उपाध्याय व उसकी पत्नी के द्वारा हमला किया गया था। अनिता उपाध्याय को भी होटल ताज से हिरासत में लिया गया। दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर वापस लाया गया है।
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को गुमराह कर करते थे ठगी
मुख्य आरोपी रत्नाकर उपाध्याय के द्वारा कस्टमर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से धोखाधड़ी करने के आरोप में 2023 में ही संस्था के डायरेक्टर व को फाउंडर पद से अपना इस्तीफा दे दिया था और अपनी जगह अनिता उपाध्याय को संस्था का डायरेक्ट नियुक्त किया था। जब धोखाधड़ी के संबंध में कस्टमर के द्वारा रत्नाकर से संपर्क किया जाता था तो उसके द्वारा बताया जाता था कि उसने संस्था के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। मामले के संबंध में डायरेक्टर अनिता उपाध्याय से संपर्क करे। जब कस्टमरों के द्वारा अनिता उपाध्याय से संपर्क किया जाता था तो उसके द्वारा बताया जाता था कि उक्त मामला पूर्व डायरेक्टर रत्नाकर उपाध्याय से संबंधित है, इसमें वह कुछ नहीं कर सकती है। इस प्रकार दोनो मिली भगत कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को गुमराह करते हुए ठगी करते थे। मामले में संलिप्त दो अभियुक्त फरार है। जिसकी पुलिस के द्वारा पतासाजी की जा रही है, जिन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जाँच दौरान पुलिस की पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार आरोपियों के द्वारा वर्ष 2021 में लखनऊ से राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन का झुग्गी झोपड़ी एवं ग्रामीण स्तर पर गरीब बच्चों को पढ़ने लिखाने एवं स्कूल बैग, ड्रेस स्वेटर जैसे अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य रजिस्टर कराया गया था। आरोपियों का छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कुल 15 राज्यों में कार्यक्षेत्र था।
लाभ का लालच देकर वेंडरों को लेते थे झांसे में
इनके द्वारा लोकल एजेंटों के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन में माल सप्लाई में अच्छे लाभ का लालच देकर वेंडरों को झांसे में लेते थे और उनसे 25 लाख रुपए सिक्युरिटी मनी, डीडी के रूप में व 50 हजार रुपए प्रोसेसिंग चार्ज व कार्य दिलाने के नाम पर 10-10 लाख लेते थे।
इसी दौरान इनके द्वारा लोकल एजेंट प्रांशु अग्रवाल के माध्यम से पत्थलगांव निवासी अमित अग्रवाल से CSR फंड से प्राप्त राशि से माल सप्लाई में अच्छा फायदा का प्रॉब्लम देकर 25 लाख रुपए सिक्योरिटी मनी 50000 प्रोसेसिंग चार्ज और विंडो से काम दिलाने के नाम पर 15 लख रुपए नगद लिया गया था। अमित अग्रवाल से 5 करोड़ 70 व टी बर्ड इंटर प्राईजेज बिलासपुर तथा पूर्णिमा ट्रेडिंग रायगढ़ से 5 करोड़ 70 लाख, इस प्रकार कुल 17 लाख 10 करोड़ रूपए का माल सप्लाई कराकर छल पूर्वक चेक प्रदाय किया गया।
आरोपियों के द्वारा वेंडर्स को झांसे में लेने के लिए जो बुकलेट दिया जाता था उसमें इनके द्वारा तीन वर्ष में 600 करोड़ रुपए से अधिक का टर्न ओवर बताया जाता था। पुलिस की जांच में पता चला है कि संस्था को CSR मद से गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने हेतु आवश्यक सामग्री प्रदाय करने के नाम पर 02 वर्षों में कुल 140करोड़ रुपए ही प्राप्त, जबकि इस वर्ष डिमांड 130 करोड़ रुपए का था।
पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपियों के द्वारा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र , दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं से 150 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई थी। जिसमें अभियुक्तों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में 12 से अधिक प्रकरण भी दर्ज हैं।
आरोपी ने बनाई ठगी के रुपयों से प्रॉपर्टी
आरोपी रत्नाकर उपाध्याय के पास अवैध आर्थिक गतिविधियों से कमाए रुपयों से लखनऊ में 24 फ्लैट, दिल्ली में 2 फ्लैट, जिनकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपए है। साथ ही ढाई करोड़ रूपए के रेंज रोवर गाड़ी भी है। पुलिस के द्वारा मामले के सभी अभियुक्तों की संपत्तियों के संबंध में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है, जिसके संबंध में अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।