CG – चित्रकोट-कन्नड़ा-छत्तीसगढ़ी संगमा का आयोजन रविवार को…

चित्रकोट-कन्नड़ा-छत्तीसगढ़ी संगमा का आयोजन रविवार को…
देश के प्रख्यात भाषा-संस्कृतिविद् व मीडिया प्रोफेशनल रखेंगे विचार…
निर्मला हेंगड़े यक्षगान और रितु वर्मा पंडवानी की प्रस्तुति देंगी…
जगदलपुर। भाषाई एवं सांस्कृतिक राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के उद्देश्य से रविवार को सुबह दस बजे से दलपत सागर के पास ग्रेड शिल्पी इंटरनेशनल मे चित्रकोट-कन्नड़ा-छत्तीसगढ़ी संगमा कार्यक्रम का आयोजन होगा। तीन सत्रों में होने वाले इस आयोजन में छत्तीसगढ़ और कर्नाटक की भाषा, संस्कृति, इतिहास विषय पर परिचर्चा और संबंधित कल्चर पर प्रस्तुति होगी।
प्रथम सत्र में लैंग्वेज पर कार्यक्रम होंगे। साथ ही विशेषज्ञ भारतीय भाषाओं को समझने में एआई की उपयोगिता की जानकारी देंगे। इस सत्र में बादल एकेडमी के कलाकार भी परफाॅर्म करेंगे।
दूसरे सत्र में भाषाई समरसता में फिल्म की भूमिका, दोनों प्रदेश के प्राचीन राजघराने, भारत की सैन्य विरासत, विजय नगर साम्राज्य का योगदान जैसे विषयों पर वैचारिक उद्बोधन के कार्यक्रम होंगे।
शाम के सत्र में सांस्कृतिक एवं भाषाई एकता में मीडिया की भूमिका विषय पर परिचर्चा होगी। इसमें स्थानीय पत्रकारों की उपस्थिति में राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी व जयदीप कार्णिक अपने विचार रखेंगे।
आयोजक आकाश वर्मा ने बताया कि इसी सत्र में देश की ख्यातिनाम पंडवानी गायिका श्रीमती रितु वर्मा अपनी प्रस्तुति देंगी। वहीं प्रख्यात कलाकार निर्मला हेंगड़े यक्षगान प्रस्तुत करेंगी। इसी सत्र में भारत की संयुक्त संस्कृति पर छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेत्री रीतिका यादव का भी कार्यक्रम होगा।
इसके अतिरिक्त विभिन्न सत्रों में आरजे नमित, पद्मिनी ओक, विंग कमांडर सुदर्शन, गंगासागर पांडा, उदय रघुनाथ बिरजे, रविकुमार अय्यर की उपस्थिति में विभिन्न विषयों पर कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत रविवार को चित्रकोट में दक्षिण भारत की नदियों से लाया गया जल इंद्रावती में प्रवाहित कर की जाएगी।
जगदलपुर आगमन पर महापौर संजय पांडे, एमआईसी सदस्य निर्मल पानीग्राही, संग्राम सिंह राणा, त्रिवेणी रंधारी, कलावती कसेर, पार्षद पितामह नायक, श्याम सुंदर बघेल, खगेंद्र ठाकुर, आशा साहू, राजपाल कसेर, विवेक जैन, तेजपाल शर्मा ने जगदलपुर विमानतल में अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद सभी दंतेश्वरी माता के दर्शन करने दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे। दर्शन पश्चात सभी राजमहल परिसर पहुंचे और कमलचंद्र भंजदेव से मुलाकात की।