छत्तीसगढ़

CG – फिर भड़का धर्मांतरण विवाद : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत 10 घरों में तोड़फोड़, भारी तनाव के बीच छावनी में तब्दील हुआ गांव……

कांकेर। जिले में धर्मांतरण को लेकर लगातार तनाव और हिंसा की घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूसागांव में हालात तनावपूर्ण हो गए। ग्राम पंचायत उसेली के आश्रित ग्राम पूसागांव में धर्मांतरण के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत धर्मांतरित लोगों को पहले अपने मूल धर्म में वापस लौटने हेतु समझाइश दी गई। पर धर्मांतरित लोगों के नहीं मानने पर उनके घरों में तोड़फोड़ की गई। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। उन्होंने गांव की स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों,जनप्रतिनिधियों से संवाद कर उन्हें समझाइश दी।

ग्राम पंचायत उसेली के आश्रित ग्राम पूसागांव में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और गांव में कुछ अन्य परिवारों के भी मतांतरित होने की बात सामने आई। ग्रामीणों का आरोप है मतांतरित परिवारों के कारण गांव की सामाजिक समरसता और पारंपरिक सांस्कृतिक मूल्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने एकजुट होकर एक मीटिंग बुलाई। इसमें धर्मांतरित लोगों को भी बुलाया गया था। धर्मांतरित परिवारों से वापिस अपने मूल धर्म में लौटने की बात कही, लेकिन परिवारों ने इससे साफ इंकार कर दिया। इसी बात से नाराज ग्रामीणों का एक समूह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और धर्मांतरित लोगों के घरों की तरफ बढ़ा और तोड़फोड़ करने लगा। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल गांव पहुंच गया,जिसके चलते तोड़फोड़ करने वाले भाग निकले और किसी जनहानि होने से टल गई।

घटना के बाद पूसागांव में भारी तनाव व्याप्त है। हालात की नजाकत को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है। पर भारी संख्या में गांव के अंदर और बाहरी सीमा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। किसी भी बाहरी तत्व के गांव में प्रवेश और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए गांव की घेराबंदी कर दी गई है।

ग्रामीणों की मांग है कि जिस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर धर्मांतरण का आरोप है उसे तत्काल पद से हटाया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि एक सरकारी पद पर कार्यरत व्यक्ति का इस तरह धर्मांतरण करना गांव के सामाजिक ताने–बाने को प्रभावित करता है। इस मांग को लेकर पहले भी ग्रामीण प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं।

गौरतलब है कि कांकेर जिले के अंदरूनी इलाकों में बीते कुछ समय से मतांतरण को लेकर लगातार विवाद और झड़पों की घटनाएं सामने आ रही है। बड़ेतेवड़ा, आमाबेड़ा और अब पूसागांव की घटना में यह साफ कर दिया है कि यह मुद्दा प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। स्थानीय स्तर पर छोटी-सी चिंगारी भी बड़े टकराव का रूप ले सकती है। इसी आशंका के चलते प्रशासन किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

वही इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटना अत्यंत संवेदनशील है। पुलिस बल ने समय रहते मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया, जिससे कोई बड़ी हिंसक घटना नहीं हुई। फिलहाल गांव में पर्याप्त पुलिस बल तैनात है और हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं। हसभी पक्षों से प्रशासन और पुलिस के अधिकारी बातचीत कर रहे है और कानून के दायरे में रहकर समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। शांति भंग करने या अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों से प्रशासन ने अपील की है कि संयम बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें।

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