छत्तीसगढ़

CG बर्खास्त ब्रेकिंग : शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वाली महिला शिक्षिका पर गिरी गाज, जाने पूरा मामला…..

बिलासपुर। शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वाली एक महिला शिक्षक पर शिक्षा विभाग ने ये कार्रवाई की है। उर्मिला बैगा नामक यह महिला वास्तव में OBC वर्ग की ‘ढीमर’ जाति से संबंध रखती थीं, लेकिन उन्होंने अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग की ‘बैगा’ जाति का फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी हासिल की थी। हाईकोर्ट और जाति छानबीन समिति की जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई।

बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक के एक सरकारी मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षिका उर्मिला बैगा के खिलाफ जांच के बाद शिक्षा विभाग ने सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया। उन पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए टीचर की नौकरी हासिल की थी। मामला सामने आने के बाद पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर की जाति छानबीन समिति ने जांच शुरू की।

जांच में यह तथ्य सामने आया कि उर्मिला बैगा वास्तव में ‘ढीमर’ जाति से संबंध रखती हैं, जो कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आती है। जबकि उन्होंने ‘बैगा’ जाति का प्रमाण पत्र पेश किया था, जो कि अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल है।जांच के दौरान समिति ने उनके पिता रतनलाल के दादा के पुराने दस्तावेजों की पड़ताल की और पाया कि पूरे परिवार की जातीय पहचान ‘ढीमर’ ही है।

इस आधार पर समिति ने 11 दिसंबर 2006 को उनका अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया और सिफारिश की कि उनकी नौकरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाए। इस सिफारिश पर कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने 7 फरवरी 2007 को उर्मिला बैगा की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया। हालांकि, उन्होंने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और 1 मार्च 2007 को उन्हें अस्थायी राहत (स्टे) भी मिल गई थी।

लेकिन सुनवाई के दौरान उन्होंने स्वयं ही याचिका वापस ले ली, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए स्थगन आदेश भी रद्द कर दिया। इस निर्णय के बाद शिक्षा विभाग ने फिर से प्रक्रिया शुरू की और अंततः संयुक्त संचालक शिक्षा आरपी आदित्य ने उर्मिला बैगा को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।

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