CG – 10 महीने बाद भी सिर्फ नींव और सरिया : 10 लाख रुपये अग्रिम राशि निकाले गए, पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा, अग्रिम राशि निकालकर सचिव और गुर्गे उड़ा रहे मौज – अधिकारियों की भूमिका पर सवाल…
पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार: अग्रिम राशि निकालकर सचिव और गुर्गे उड़ा रहे मौज – अधिकारियों की भूमिका पर सवाल।
10 लाख रुपये अग्रिम राशि निकालने के 10 महीने बाद भी सिर्फ नींव और सरिया…
रायगढ़ / घरघोड़ा : जनपद पंचायत घरघोड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुडूमकेला एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। पंचायत के भीतर चल रही आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार ने इसे समाचार की सुर्खियों में ला दिया है। ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत ने कुडूमकेला के कूधरीपारा में स्कूल भवन निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि तो निकाल ली, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया।
10 महीने बाद भी सिर्फ नींव और सरिया…
सूत्रों की मानें तो स्कूल भवन निर्माण का कार्य लगभग 10 महीने पहले स्वीकृत हुआ था। शुरुआत में केवल नींव खोदकर सरिया डाल दी गई, लेकिन इसके बाद काम रोक दिया गया। वहीं, ग्राम पंचायत ने संबंधित विभाग से पूरे 10 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान प्राप्त कर लिया। यह पैसा आखिर कहां गया? इस पर पंचायत के सचिव और सरपंच की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों में आक्रोश…
गांव के लोग इस मामले को लेकर नाराज हैं। उनके अनुसार, पंचायत के जिम्मेदार सचिव, सरपंच और उनके सहयोगी शासकीय राशि का दुरुपयोग कर मौज उड़ा रहे हैं। यह बात अब जनचर्चा का विषय बन चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी योजनाओं का पैसा काम के बजाय निजी लाभ के लिए इस्तेमाल हो रहा है।
अधिकारियों का रवैया संदिग्ध…
जब इस विषय पर हमारे संवाददाता ने जिला पंचायत रायगढ़ और जनपद पंचायत घरघोड़ा के अधिकारियों से जानकारी मांगी, तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। अधिकारियों ने न तो इस निर्माण कार्य के स्रोत का खुलासा किया और न ही यह बताया कि भवन निर्माण के लिए किस मद से राशि स्वीकृत हुई।
क्या कार्रवाई होगी ?….
यह मामला सरकारी धन के दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है। अब देखना यह है कि खबर के प्रकाशन के बाद अधिकारी इस पर क्या कदम उठाते हैं। क्या सरपंच और सचिव के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई होगी, या हमेशा की तरह मामले को लीपापोती कर दबा दिया जाएगा?
बहरहाल सरकार की योजनाओं और शासकीय धन का सही उपयोग सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। अगर इस तरह के मामलों में कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भ्रष्टाचार को और बढ़ावा देगा। कुडूमकेला के ग्रामीणों की शिकायतें अधिकारियों के लिए चेतावनी हैं। अब यह उनके ऊपर है कि वे इस पर क्या कदम उठाते हैं।