छत्तीसगढ़

CG – न्याय की तलाश में टूटा विश्वाश : आदिवासी युवक ने राष्ट्रपति को पत्र लिख मांगी सलाह, बोला- आत्महत्या करुं या फिर….. जानिए क्या है पूरा मामला….

कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के एक आदिवासी युवक ने न्याय न मिलने से व्यथित होकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। युवक ने पत्र में पूछा है कि आत्महत्या करुं या फिर प्रताड़ित करने वालों का मर्डर करुं।

यह पूरा मामला आजाक थाना क्षेत्र का है। कोंडागांव में रहने वाला रामचंद मरकाम ने एक साल बाद भी FIR दर्ज नहीं करने और न्याय नहीं मिलने पर कलेक्टर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पत्र सौंपा है। पत्र में उसने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पूछा कि आत्महत्या करुं या फिर प्रताड़ित करने वालों का मर्डर करुं।

कलेक्ट्रेट पहुंचे रामचंद मरकाम ने कलेक्टर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम पत्र सौंपते हुए बताया कि कुछ सामान्य वर्ग के लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है और पुलिस उनकी मदद कर रही है। उसने आजाक थाना प्रभारी को आदिवासी प्रताड़ना के आरोपियों पर FIR दर्ज करने के लिए आवेदन भी दिया था। 1 साल 8 महीने बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

आत्महत्या करुं या फिर प्रताड़ित करने वालों का मर्डर करुं

उसने पुलिस अधिक्षक से भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा उसने इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान मुख्यमंत्री और अनुसूचित जनजाती आयोग से भी इसकी शिकायत की थी। लेकिन आज तक उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिर में थक हार कर उसने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। पत्र में उसने पूछा कि उसकी शिकायत पर 1 साल 8 महीने बाद भी FIR दर्ज नहीं हुई, जबकि गैर आदिवासी की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होती है। तो ऐसे में वह क्या करें? आत्महत्या करुं या प्रताड़ित करने वालों का मर्डर कर दूं?

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