छत्तीसगढ़

CG – वर्षों से लापता महिला को ढूंढकर लाई पुलिस, पति और बच्चे से मिलाया, IPS भावना से गले लग रो पड़ी महिला…..

बलौदाबाजार। पुलिस ने एक बार पुनः मानवता दिखाई और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वर्षों पूर्व बिछड़ी पत्नी को ढूंढकर उसके पति से मिलवाया। मामला ज़िले के करहीबाजार का है। यहां गांव की एक बहू जो पिछले 5 साल से लापता थी उसे पुलिस ने परिवार से मिला दिया। 40 साल की रंभा यादव, ग्राम सोनाडीह निवासी, मानसिक रूप से कमजोर थीं। 5 वर्ष पहले एक दिन अचानक घर से निकल गईं और फिर कभी वापस नहीं लौटीं।

गुमशुदगी से लेकर मुलाकात तक का सफर

रंभा की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसी वक्त पुलिस चौकी करहीबाजार में दर्ज की गई थी। परिजन और पुलिस, दोनों ने लगातार खोजबीन जारी रखी। रोज दरवाजे पर नज़रें टिकाए बैठी मां, हर त्योहार पर खाली कुर्सी और पति रामायण यादव की बेचैनी। ये सब परिवार के लिए बेहद कठिन था।

5 साल बाद अचानक बलौदाबाजार पुलिस को एक बड़ी सूचना मिली। पता चला कि, कोरबा के ‘अपना घर सेवा आश्रम’ में एक महिला है, जो सोनाडीह की गुमशुदा महिला रंभा यादव से मेल खाती है। तुरंत चौकी प्रभारी एसआई राजेंद्र पाटिल अपनी टीम और रंभा के परिजनों को लेकर कोरबा पहुंचे।

जैसे ही रंभा की नज़र अपने पति और परिजनों पर पड़ी, उनकी आंखें भर आईं। रंभा ने पति रामायण को कसकर गले लगाया, और पांच साल का दर्द, आंसुओं में बह निकला। परिवार के बाकी लोग भी खुशी और भावुकता से रो पड़े। रंभा इस दौरान सेवा आश्रम में इलाज करा रही थीं और अब उनकी हालत पूरी तरह स्थिर है।

रंभा अपने पति के साथ पुलिस कम्युनिटी हॉल बलौदाबाजार पहुंचीं। यहां उनकी मुलाकात पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता से हुई। IPS भावना गुप्ता को सामने देखते ही रंभा ने भावनाओं में बहकर उन्हें गले लगा लिया। भावना गुप्ता ने रंभा और उनके परिवार को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं, साथ ही पुलिस की टीम को भी सराहा।

पति रामायण यादव ने बताया कि, हर दिन लगता था जैसे आज आएगी, लेकिन हर शाम निराशा हाथ लगती थी। कई बार तो लगा कि शायद अब कभी नहीं मिलेगी, लेकिन दिल से उम्मीद नहीं छोड़ी। साल 2018 में सबसे पहले गुम हुई थी फिर मिल गई। बाद में फिर 2020 में गुम हुई। मैंने रिपोर्ट भी कराई।

पति ने कहा कि, रंभा की खोजबीन के दौरान 2022 में बच्चे की भी तबीयत खराब हुई। मैं बहुत परेशान था इस समय दिमाग काम करना बंद हो गया था। गांव वाले कहते थे, अब शायद कभी ना लौटे। कभी कभी परिवार भी उम्मीद हार बैठा था।

पुलिस का काम सिर्फ अपराधियों को पकड़ना ही नहीं, बल्कि इंसानियत के लिए काम करना भी है। इसे बलौदाबाजार पुलिस ने साबित कर दिया। पांच साल से बिछड़ी रंभा को उसके परिवार से मिलाने का केस याद दिलाता रहेगा कि पुलिस की असली ताकत जनता का विश्वास और उसका सुख-दुख बांटना है।

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