रायगढ़। शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जानकारी मिली है कि शिक्षकों के साथ 2 करोड़ से ज्यादा का फ्राड हुआ है। मामले में पुलिस ने FIR दर्ज की गयी है। जानकारी के मुताबिक 9 शिक्षक ठगी के शिकार हुए हैं। इन शिक्षकों से 2 करोड़ 10 लाख 84 हजार 937 रुपये ठगे गये हैं। पूरा मामला रायगढ़ के लैलूंगा का है। जानकारी के मुताबिक शिक्षकों को ज्यादा लाभ का लालच देकर फंसाया गया।
जानकारी के मुताबिक ड्रीम अल्फा ओमेगा मल्टीट्रेड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से लोन निकाला गया है। लैलूंगा पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। शातिरों ने 50 प्रतिशत फायदा दिखाकर झांसे में लिया। ठगों ने बताया कि 50 प्रतिशत लोनधारकों को मिलेगा, 40 परसेंट कंपनी रखेगी और 10 परसेंट एजेंट को मिलेगा। लोन का पूरा अमाउंट कंपनी यानी (ड्रीम अल्फा ओमेगा मल्टीट्रेड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड) चुकाएगी।
दर्ज शिकायत में बताया गया है कि साल 2021 में सुनील तिग्गा और सिरिल केरकेट्टा ने शिक्षक सत्यनारायण सिदार से संपर्क किया। सुनील तिग्गा से सत्यनारायण की पहचान थी। स्कीम की जानकारी देते हुए सुनील तिग्गा ने सत्यनारायण सिदार को ड्रीम अल्फा कंपनी की जानकारी दी। सत्यनारायण सिदार 50 परसेंट की लालच में आ गया। उसने तीन अलग-अलग बैंकों से 14 लाख 80 हजार रुपए का लोन लिया।
तय परसेंट के हिसाब से पैसों का बंटवारा हो गया। इसके बाद सत्यनारायण सिदार ने इस स्कीम के बारे में अपने साथी टीचर्स को भी बताया। इसके बाद मधुबाला एक्का, युदिष्टिर गुप्ता, रेशमा लकड़ा, ग्लोरिया एक्का, सविता जांगड़े, सिरिल केरकेट्टा, महेत्तर प्रसाद चौहान ने भी लोन निकलवाया। सभी ने कंपनी को परसेंट के हिसाब से पैसे ले लिए। शिकायत के मुताबिक इमिल साय तिर्की 10 लाख 95 हजार 260 रुपए, मधुबाला एक्का 11 लाख 86 हजार 132 रुपए, युधिष्ठिर गुप्ता 5 लाख 74 हजार 946 रुपए, रेशम लकड़ा 7 लाख 20 हजार 102 रुपए, ग्लोरिया एक्का 5 लाख 98 हजार 445 रुपए का बकाया है। इसके अलावा सविता जांगडे़ पर 4 लाख 66 हजार 652 रुपए, सिरिल केरकेटटा 10 लाख 60 हजार 600 रुपए, 1 करोड़ 44 लाख 55 हजार 600 रुपए, सत्यनारायण सिदार 9 लाख 87 हजार 200 रुपए को लोन बकाया है। ऐसे में 2 करोड़ 10 लाख 84937 रुपए की ठगी की गई है।
सभी से कुल 2 करोड़ 10 लाख 84 हजार 937 रुपए लोन निकलवाया, लेकिन कंपनी ने अक्टूबर 2022 में किश्त जमा करने के बाद बंद कर दिया। जिसके बाद शिक्षकों ने कपंनी के डायरेक्टर इलियाजर से संपर्क किया, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका। इससे सभी समझ गए गए कि उनसे धोखाधड़ी की गई है। सत्यनारायण समेत सभी शिक्षकों ने लैलूंगा थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया।
ऐसे हुए ठगी के शिकार
शिक्षकों के पास आरोपी एजेंट और कपंनी कर्मचारी बनकर पहुंचते थे। इसके बाद लोन निकलवाकर चेक और कैश के माध्यम से 50 प्रतिशत रुपए ले लेते थे। 4 किस्तों में लोन की राशि चुका देने की बात कहते थे। तीन साल में लोन बंद कराने का झांसा दिए थे। सिर्फ 5 से 6 किश्त ही चुकाया।