CG – जुआ के व्यवसाय को मिल रहा पुलिसिया संरक्षण मोटी माहवारी तय कर बेखौफ कर रहे अवैध गतिविधि का संचालन रोजाना लग रहे लाखों के दांव पढ़े पूरी ख़बर
कोरबा//जिले के तेज तर्रार व ईमानदार और संवेदनशील पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी अपराध व अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने को लेकर लगातार मशक्कत कर रहे है,तो वहीं पाली पुलिस उनके इस प्रयास पर पानी फेरने के काम मे लगी हुई है और जिनके सह पर जुआ का फड़ बेखौफ संचालित हो रहा है, जिसमे रोजाना लाखों के दांव लग रहे है।
उल्लेखनीय है कि पाली थानांतर्गत ग्राम पोड़ी एवं इसके आसपास जंगल मे जुआ का बड़ा फड़ संचालित हो रहा है। जिसके संचालनकर्ता पोड़ी निवासी दो युवक बताए जा रहे है, जिनके द्वारा कानून व्यवस्था का मजाक उड़ाते हुए जुआ के व्यवसाय से प्रतिमाह लाखों कमा रहे है तथा पाली पुलिस को भी मोटी माहवारी दे रहे है। सोचनीय बात है कि पाली थाना के वर्दीधारियों को अपने शीर्ष अधिकारी का जरा भी डर- भय नही है, यह भी सोचने वाली बात है कि पुलिस अधीक्षक श्री तिवारी के निर्देश पर गत माह कटघोरा पुलिस ने पाली थाना क्षेत्र के चैतुरगढ जंगल मे संचालित जुआ के फड़ में दबिश देकर नगद रुपया, जुआरियों के वाहन पकड़े जाने व जुआ खाईवालों पर सख्त कार्रवाई के बाद भी जुआ संचालित कराने वालों के हौसले पस्त नही हुए बल्कि उनके हौसले और भी बुलंदी की ओर अग्रसर हो चले। लोग आश्चर्यचकित है और यह सोचने पर इतना विवश हो चुके है कि पाली थाना इलाके में इस तरह का फलने- फूलने वाले अवैध कारोबार पर रोक क्यों नही लग पा रहा। पुलिस की निष्क्रियता को देखकर भी लोग आश्चर्य में है। जिले में शायद ही ऐसा कोई थाना होगा जहां पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर दबिश के बाद भी जुआ के खेल को शह दिया जाए। पाली पुलिस पर इतना विश्वास नही कि एसपी निर्देश पर दबिश के बाद भी फल- फूल रहे जुआ के अवैध कारोबार को रोकने में अपना कदम बढ़ा सके। यही कारण है कि जिले के पुलिस मुखिया ने चैतुरगढ के जंगल मे गत संचालित जुआ के कारोबार को रोकने में कटघोरा पुलिस को निर्देशित किया था। पोड़ी व इसके आसपास जंगल में स्थान बदल- बदलकर खेलवाए जा रहे जुए के फड़ में कटघोरा, दीपक, कोरबा, बांकीमोंगरा सहित सीमावर्ती जिला जांजगीर- चाँपा व बिलासपुर से जुआरी प्रतिदिन पहुँच रहे है। इस काले धंधे के बारे में स्थानीय पुलिस को पुख्ता जानकारी है, बावजूद इसके छापा नही मारा जा रहा।
एंट्री फीस 500 व जीतने वाले से 10 प्रतिशत कमीशन
बताते चले के पोड़ी व इसके आसपास बेखौफ संचालित जुआ के फड़ में जो व्यक्ति जीतता है। उससे जुआ खेलवाने वाला 10 प्रतिशत लेता है। जिसे जुआरियों की भाषा मे नाल कहा जाता है। इसके अलावा प्रत्येक जुआ खेलने पहुँचने वाले व्यक्ति से 500 रुपये एंट्री फीस लिया जाता है। जुआ फड़ में ही उधार में पैसा उपलब्ध कराने की सुविधा भी दी जा रही है। जहां प्रतिदिन 10 प्रतिशत की ब्याज दर से उधार में रुपये जुआ खेलवाने वाले उपलब्ध करवाते है। इसमें कोई अड़चन न पड़े, इसके लिए मोटी रकम भी पुलिस में बंधी है। इसलिए कानून के लंबे हाथ इनके गिरेबान तक नही पहुँच रही है। जुआ रूपी जिस कोढ़ में जुआरी वर्ग अपनी गाढ़ी कमाई लगा रहे है और अपने आपको लुटा रहे है। जो काम जन विरोधी होते है, समाज विरोधी होते है। उन पर अंकुश लगाना प्रारंभिक रूप से पुलिस का काम होता है, उसके बाद सामाजिक संगठनों की जिम्मेदारी आती है। लेकिन जब स्थानीय पुलिस ही अपने स्वार्थों को महत्त्वपूर्ण मानकर अवैध गतिविधियों को संरक्षण देंगे तो भला गलत कार्यों में लिप्त कारोबारियों का हौसला बुलंद क्यों नही होगा। बहरहाल जिला पुलिस प्रशासन को पोड़ी में चल रहे जुआ के रोकथाम के लिए एक बार फिर ईमानदार की भूमिका निभानी होगी