CG – गोपालपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की लापरवाही उजागर सहायिका के भरोसे चल रहा केंद्र सुपरवाइजर भी हुई कर्तब्य विमुख जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर जिले के मस्तूरी विधानसभा के जोंधरा सेक्टर के गोपालपुर आंगनबाड़ी केंद्र में लगातार भारी लापरवाही निरा केंवट कार्यकर्ता के द्वारा बरती जा रही है गोपालपुर वही ग्राम पंचायत है जो जोंधरा से बिल्कुल लगा हुआ है इसके बाद ग्राम पंचायत परसोडी आता है गोपालपुर ग्राम पंचायत में प्राथमिक स्कूल मिडिल स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र एक ही प्रांगण में संचालित हो रही है हम यहां तकरीबन 11:00 बजे पहुंचे थे जहां स्कूल में सारे शिक्षक मौजूद थे पर आंगनबाड़ी में पहुंचते ही पता चला कि कार्यकर्ता नदारत है इस पर हमने सहायिका से पूछा कि कार्यकर्ता कहां है तब उन्होंने ऑन कैमरा कहा कि कार्यकर्ता निरा केंवट स्कूल आई तो थी पर वह 10:00 बजे अपने घर वापस चली गई है जब हमने उनसे पूछा कि अभी कितना टाइम हो रहा है तो उन्होंने कहा कि अभी 11:00 बज रहा है मतलब कार्यकर्ता स्कूल आई तो थी और शायद अपना अटेंडेंस ऑनलाइन लगाकर 10:00 बजे घर वापस निकल गई इस पर हमने सहायिका से पुनः पूछा कि क्या उन्होंने कुछ कारण बताया है घर जाने का तो सहायिका ने कहा कि उनको बताया है पर हमने कारण पूछा तो सहायिका भी इसका जवाब नहीं दे पाई जब हमने उपस्थित बच्चों के बारे में पूछा तो उन्होंने 10 बच्चे उपस्थित होने की बात कही जबकि यहाँ सिर्फ दो ही बच्चे उपस्थित थे यह सारा कुछ ऑन कैमरा रिकॉर्ड भी हो रहा था ऐसा नहीं है कि यह कार्यकर्ता की पहली गलती हो इससे पहले भी आंगनवाड़ी में गांव वाले या पत्रकार जब भी पहुंचे हैं निरा केंवट या तो मीटिंग में रहती है या काम से बाहर रहती है वो भी स्कूल टाइम में पर उनसे आज तक आंगनबाड़ी में मुलाकात नहीं हो पाया है इससे पहले भी हम यहां दो से तीन बार गए हैं और हर बार सहायिका खाना बनाते मिलती है पर कार्यकर्ता हमेशा आंगनबाड़ी से नदारत मिली है इस पूरे मामले में हमने यहां की सुपरवाइजर मनीषा कुर्रे से भी कारण जानना चाहा और तकरीबन 5 से 6 बार उनको कॉल भी किया पर उन्होंने कॉल उठाना जरूरी नहीं समझा और शायद यही सुपरवाइजर की लापरवाही कार्यकर्ताओं को लापरवाही बरतने के लिए मौका दे रही है जहां की सुपरवाइजर सिर्फ फोन पर मॉनिटरिंग करती हो उसकें अंदर की आंगनबाड़ी का हाल क्या होगा इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं लेकिन इन सब में एक बात पॉजिटिव यह है कि यहां की सहायिका ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ है जो हमेशा अपने काम को पहले और आंगनबाड़ी के बच्चों को पहले प्राथमिकता देती है उसके बाद अपने पर्सनल काम को देखती हैं और शायद यही वजह है कि हम जब भी तीन से चार बार आंगनवाड़ी में पहुंचे हैं तब तब आंगनवाड़ी में सहायिका या तो खाना बनाते या बच्चों को पढ़ाते देखी गई है।