CG – ग्राम पंचायत पोड़ी के पूर्व सरपंच एवं सचिव से होगी 16.50 लाख की वसूली भ्रष्टाचार का लगा हैँ गंभीर आरोप पढ़े पूरी ख़बर
0 मोहन कौशिक के स्थानांतरण होने पर सचिव संघ द्वारा हड़ताल की धमकी देकर मामले को दबाने की कोशिश
कोरबा//पोड़ी उपरोड़ा भ्रष्ट सचिव मोहन कौशिक के स्थानांतरण रूकवाने सचिव संघ ने जिला पंचायत सीईओ को गुमराह करते हुए ज्ञापन सौंपा था कि गलत तरीके से सचिवों का स्थानांतरण किया जा रहा है और स्थानांतरण नहीं रूका तो कलमबंद हड़ताल की जाएगी। जिला पंचायत सीईओ ने सचिव संघ की भी बात मानी और उन्हें आश्वस्त किया कि जांच के बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
यहां मामले का खुलासा होने के बाद जनपद पंचायत पोड़ी- उपरोड़ा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत तानाखार में पदस्थ सचिव मोहन कौशिक का स्थानांतरण करने यहां के पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें सचिव मोहन कौशिक पर आरोप लगाया गया था कि मोहन कौशिक 65 किलोमीटर कथरीमाल से आना- जाना करता है। पंचायत प्रतिनिधियों ने महीनों से उनसे अपील करते रहे कि पंचायत में ही रहें, लेकिन मोहन कौशिक की हठधर्मिता जारी रही और महीने में एक या दो बार पहुंच जाते तो बड़ी बात होती। तंग आकर सरपंच सहित प्रतिनिधियों ने डॉ. पवन सिंह के नेतृत्व में कलेक्टर से गुजारिश की। कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ दिनेश नाग ने सचिव मोहन कौशिक को तानाखार से हटाकर दम्हामुड़ा कर दिया था।
स्थानांतरण के बाद सचिव संघ ने सीईओ नाग को किया गुमराह करने की कोशिश…
तानाखार से हटाने के बाद सचिव मोहन कौशिक जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह के पास पहुंचा, लेकिन डॉ. पवन सिंह ने कोई भी सहयोग करने से इंकार कर दिया, क्योंकि तानाखार के ग्रामीणों से मिलकर डॉ. पवन वस्तुस्थिति से पहले ही अवगत हो चुके थे। यहां काम न बनने से सचिव ने संघ को गुमराह किया और सचिव संघ मोहन कौशिक का स्थानांतरण रूकवाने जिला पंचायत सीईओ से मिले और स्थानांतरण न रूकने पर हड़ताल की धमकी देकर दबाव बनाने का कोशिश की, लेकिन सीईओ की जांच में मोहन कौशिक की हठधर्मिता और पंचायत से हमेशा गायब रहने की पुष्टि हो गई।
मोहन कौशिक पर पुन: शिकंजा, पोड़ी के पूर्व सरपंच और सचिव कौशिक से होगी 16.50 लाख की रिकव्हरी…
जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर ग्राम पंचायत पोड़ी जनपद पंचायत पाली में वर्ष 2011- 12 से वर्ष 2014- 15 तक स्वीकृत कार्यों की अवैध रूप से आहरित राशि रूपए 34 लाख 61 हजार 972 रूपए में से कुल रूपए 18 लाख 12 हजार 284 रूपए नियमित एवं राशि रूपए 16 लाख 49 हजार 688 रूपए गबन पाया गया और जांच टीम ने जिला पंचायत सीईओ को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें अनुशंसा की गई है और तत्समय पदस्थ रहे सचिव मोहन कौशिक एवं पूर्व सरपंच से अनियमित आहरण की राशि 16 लाख 49 हजार 688 रूपए की रिकव्हरी की जाए और शासन को हुए नुकसान की भरपाई की जाए।