CG ब्रेकिंग : पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी का साला और उसकी पत्नी गिरफ्तार, सरकारी नौकरी का दिया झांसा, फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगे करोड़ों रुपए…..
रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला मामले के आरोपी टामन सिंह सोनवानी के साले देवेंद्र जोशी और उसकी पत्नी संगीता जोशी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि देवेंद्र जोशी और उसकी पत्नी ने अलग-अलग विभागों में नौकरी लगाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की है। रायपुर के सिविल लाईन थाना पुलिस फिलहाल दोनों से पूछताछ कर रही है।
दोनों आरोपी बड़े अधिकारियों से परिचय होना बताकर बेरोजगारों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देते थे, फिर फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र देकर बड़ी रकम ऐंठते थे। पूरा मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
29 जनवरी को प्रार्थिया अंजना गहिरवार ने ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि फरवरी 2021 को वह अपने परिवार के साथ मौसा मौसी देवेन्द्र जोशी एवं झगीता जोशी के घर आई थी, जहां बातचीत के दौरान उन्होंने नौकरी करने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद देवेन्द्र जोशी ने बताया कि उसका बड़े अधिकारी से जान पहचान है, जो सेटिंग कर सरकारी नौकरी लगाते हैं। शासन में बड़े अधिकारी हैं। उनके माध्यम से सेटिंग होती है। फिर कुछ दिन बाद प्रार्थिया के मौसाजी देवेन्द्र जोशी मोबाइल वाट्सएप काल कर बताया कि अभी फूड इंस्पेक्टर का वैकेंसी निकला है। फार्म भर देना, इसमें 25,00,000 रुपए लगेगा। इस पर प्रार्थिया ने वर्ष 2022 में फूड इंस्पेक्टर का फार्म आनलाइन भरकर फुड इंस्पेक्टर का एक्जाम दिया।
परीक्षा के बाद देवेन्द्र जोशी ने फिर अंजना को मोबाइल से वाट्सएप काल कर फुड इंस्पेक्टर में गारंटी के साथ भर्ती कराने का आश्वासन दिया। कुछ दिन बाद जब रिजल्ट आया तो प्रार्थिया के नंबर कम आए थे, जिसके बारे में देवेन्द्र जोशी को बताने पर उसके द्वारा कहा गया कि विशेष अनुशंसा में तुम्हारा करवा रहे हैं, तुम्हारा दूसरा रिजल्ट आएगा, जिसके करीबन 15 दिन के बाद देवेन्द्र जोशी ने विशेष अनुशंसा वाला रिजल्ट प्रार्थिया को दिया, जिसमें प्रार्थिया का नाम था।
कुछ दिन के बाद देवेन्द्र जोशी ने पूरी रकम की मांग की। इस पर प्रार्थिया द्वारा अलग-अलग किश्तों में देवेन्द्र जोशी एवं उसके पत्नि को डिमांड की पूरी रकम दी। इसके बाद प्रार्थिया ने ज्वाइनिंग के लिए बार-बार पूछा तो हो जाएगा बोलकर घूमाता रहता था, किंतु जब फुड इंस्पेक्टर का आखिरी चयन सूची जारी होने पर प्रार्थिया ने ऑनलाइन चेक की, जिसमें उसका नाम नहीं था। कुछ दिनाें बाद प्रार्थिया को जानकारी मिली कि देवेन्द्र जोशी द्वारा गजेन्द्र लहरे, कुणाल देव, भुनेश्वर सोनवानी से भी 25-25 लाख रुपए लेकर नौकरी नहीं लगाकर धोखाधड़ी किया है। इसके बाद प्रार्थिया ने थाना सिविल लाइन में अपराध दर्ज कराया। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया।
नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की घटना को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता से लिया और थाना प्रभारी सिविल लाइन को आरोपियों की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने निर्देशित किया। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन व थाना प्रभारी सिविल लाइन के नेतृत्व में थाना सिविल लाइन पुलिस की टीम ने घटना के संबंध में प्रार्थिया सहित अन्य पीड़ितों से विस्तृत पूछताछ कर आरोपियों की पतासाजी शुरू की। टीम के सदस्यों ने प्रकरण में मुखबीर लगाने के साथ ही आरोपियों के छिपने के हर संभावित स्थानों में लगातार रेड कार्यवाही कर आरोपियों की पतासाजी की। इसी दौरान टीम के सदस्यों को आरोपियों की उपस्थिति के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर आरोपी देवेन्द्र जोशी एवं झगीता जोशी को पकड़कर पूछताछ करने पर दोनों ने लोगों को अपने झांसे में लेकर नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करना स्वीकार किया। इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।