CG – भारत सन्तों की भूमि है लेकिन कर्म जब लोगों के खराब रहेंगे तब उसकी माफी कितनी होगी ? – बाबा उमाकान्त महाराज

भारत सन्तों की भूमि है लेकिन कर्म जब लोगों के खराब रहेंगे तब उसकी माफी कितनी होगी ? – बाबा उमाकान्त महाराज
जब धरती माता नाराज हो जाएगी तब बड़े-बड़े शहरों की धरती फटेगी
उज्जैन। बाबा उमाकान्त महाराज ने 11 जून 2025 के सतसंग में कहा कि चाहे राजस्थान के लोग हो और चाहे देश के किसी भी कोने के हो, किसी भी प्रदेश के हो, जगह-जगह (साधना शिविर) लगवा दो और इंतजाम करा दो, जहां जैसी-जैसी परिस्थिति है। जगह लोग दे देंगे। बड़े शहरों में जगह की कमी रहती है इसलिए लोग अभाव में आ जाते हैं और ज्यादा खतरा भारत के बड़े ही शहरों में है। विदेश की बात तो छोड़ो, विदेश में तो तबाही मचेगी लेकिन चूंकि यह सन्तों की भूमि है, सन्तों का यहां प्रादुर्भाव होता रहा है, सन्तों के संस्कार यहां लोगों में पड़े हुए हैं इसलिए जितने भी पूर्वज सन्त हैं, वे कोई नहीं चाहते कि भारत का नुकसान हो। लेकिन कर्म जब लोगों के खराब हो रहे हैं, तब फिर उसकी माफी कितनी होगी? तो शहरों में कर्म लोगों के ज्यादा खराब हो रहे हैं।
समुद्र ट्रेलर दिखा रहा है कि हम तुमको ऐसे बुला लेंगे अपने पास
समुद्र के किनारे जो भी बड़े शहर हैं, उनके निवासियों को यह समझना चाहिए कि हम पानी की नाव पर चल रहे हैं। कभी भी पानी भर जाए, उसमें हम डूब जाएँ! और अगर इन बातों पर विश्वास नहीं आए, तो चले जाओ दरिया के किनारे, समुद्र लहरें ले-ले करके ट्रेलर दिखा रहा है कि हम तुमको ऐसे बुला लेंगे अपने पास और वही लहर अगर बढ़ गई तो खींच ले जाएगी इनको।
अगर नहीं संभले, तो धरती का फटना अवश्यंभावी है
जो पहाड़ों पर रहते हैं, कहेंगे यहां कहां समुद्र आएगा या नदी आएगी जो बहा ले जाएगी? तो उनको सजा कौन देगा? यह धरती देगी, यह धरती फटेगी। मान लो 10 किलोमीटर लंबा, 10 किमी चौड़ा कोई बड़ा शहर है और एक डेढ़ किलोमीटर तक बीच में धरती फट गयी तो घर से बाहर गया हुआ कोई व्यक्ति घर तक पहुंच पाएगा? और जो जहां फटेगा, वहां कुछ बचेगा? कुछ नहीं बचेगा। वह सब नीचे चला जाएगा और कितना नीचे जाएगा इसका कोई भरोसा, कोई ठिकाना नहीं है। जब यह धरती माता नाराज हो जाएगी तब पता ही नहीं चलेगा कहां चले गए, क्या हुआ। धरती माता नाराज हो रही हैं और अगर नहीं संभले तो यह अवश्यंभावी है, होना ही होना है।