राजनांदगांव। जिले में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी मामले में एक और अभियुक्त की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने मीना पात्रे नामक महिला अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है, जो कबीरधाम जिले के पंडरिया क्षेत्र के कुशाल बांधा की निवासी बताई जा रही है। मीना पात्रे पर आरक्षक भर्ती परीक्षा में अनुचित तरीके से आर्थिक लुभावना ऑफर देने का आरोप है।
बता दें कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया गड़बड़ी मामले में इससे पहले पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें चार आरक्षक भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में परिधि निषाद, योगेश कुमार धुर्वे, पवन कुमार साहू, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी का नाम शामिल है।
लालबाग थाने में आरक्षक भर्ती संवर्ग मे अभ्यर्थियों को मशीन में छेड़खानी कर अंक में लाभ दिलाने को लेकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। इस मामल में कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग मैसेज और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने पर पूर्व में 6 लोगों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। इसी मामले में विवेचना के दौरान धारा 61(2),3(5) BNS जोड़ी गई और विवेचना के दौरान अभ्यर्थी मीना पात्रे से पुछताछ करने पर उसने बताया कि 14 दिसंबर को सुबह आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान अपनी परिचीत पुलिस स्टॉफ को अनुचित तरीके से आर्थिक लुभावना ऑफर दिया था। आरोपीया मीना पात्रे के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने के बाद आरोपीया मीना पात्रे उम्र 32 वर्ष, निवासी कुशाल बांधा पंडरिया, जिला कबीरधाम को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
पुलिस भर्ती प्रक्रिया में धांधली का खुलासा तब हुआ जब पुलिस आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर ने इसका खुलासा करते हुए आत्महत्या कर ली। आरक्षक अनिल रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को ग्राम रामपुर के पास फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था। मृतक ने अपने हाथ में लिखा था कि भर्ती प्रक्रिया में केवल कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं।
आरक्षक के आत्महत्या के बाद जब मामला गरमाया तो पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। आईजी ने एसआईटी को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।