CG – कालिंदी इस्पात का विवादों से पुराना नाता बंजर हो रही भूमि दूषित जल हवा स्वास्थ्य सम्बन्धी बढ़ रही लोगो की समस्या सुशासन तिहार में शिकायत कार्रवाई का इंतजार पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर//मस्तूरी विधानसभा के पचपेड़ी तहसील के अंदर आने वाले ग्राम पंचायत बेलपान खपरी में लगे कालिंदी इस्पात को लेकर ग्रामीण में काफी आक्रोश नजर आ रहा है प्लांट प्रबंधन के द्वारा भूजल का जमकर दोहन किया जा रहा है वही प्लांट से निकलने वाली जहरीले धुएँ से आसपास के दर्जनों गाँवो के लोगों की स्वास्थ्य पर इसका भारी प्रभाव दिखाई दे रहा हैँ जिसके कारण लोगों की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं बढ़ रही है जिसको लेकर अब आसपास के कई ग्राम पंचायत के सरपंचों के साथ ग्रामीणों ने कलेक्टर बिलासपुर से प्लांट प्रबंधन को लेकर शिकायत किया है और जल्द से जल्द इस समस्या से ग्रामीणों को मुक्त करने की बात लिखित शिकायत में कही हैँ।
कालिंदी इस्पात की लापरवाही पर्यवारण कों भारी नुकसान…
पौधे लगाकर पर्यावरण की रक्षा के नियमों का पालन करना चाहिए। इसका मतलब है कि आपको पेड़ लगाने,पानी बचाने,और प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास करने चाहिए। पर्यावरण की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम अधिक पेड़ लगाने से हवा शुद्ध होती है,कार्बन डाइऑक्साइड कम होता है,और जलवायु परिवर्तन से बचा जा सकता है जल प्रदूषण कम करने और जल संसाधनों को संरक्षित करने के लिए पानी का उपयोग कम करें,वर्षा जल संचय करें,और जल अपशिष्ट को पुनर्चक्रित करें वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण,और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय करें,जैसे कि वाहनों को कम उपयोग करना,ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग करना,और अपशिष्ट का उचित प्रबंधन करना.पर कालिंदी इस्पात प्रबंधन इनमे से एक भी नियन का ईमानदारी से पालन नहीं करता पेड़ लगाना तो तो दूर आसपास लगे पेड़ भी इनके प्रदुषण के कारण मर रहें हैँ यहाँ से निकलनें वाली काली जहरीली धुआँ पेंडो और पत्तों में जम कर उनको ख़तम कर रहें हैँ आसपास क्षेत्र आपको सिर्फ काला काला दिखाई देगा यहाँ भू जल का भी जमकर दोहन किया जा रहा हैँ जिसके वजह से आसपास कई गाँवो के जल स्तर बहुत तेजी से निचे जा रहें हैँ जो इन आसपास गांव वालों के लिए एक गंभीर समस्या हैँ।
छत्तीसगढ़ उद्योग विभाग खामोश…
ग्रामीण कालिंदी इस्पात की लापरवाही का सजा काट रहे हैं और छत्तीसगढ़ सरकार के उद्योग विभाग इस पूरे मामले में खामोश हैँ यहां से न सिर्फ जहरीले धुआँ निकल रहा है बल्कि यहां से निकलने वाली गंदी पानी से किसानों को भी भारी नुकसान हो रहा है और उनकी फसल दिन-ब-दिन प्रभावित हो रही है इस बात को लिखित शिकायत में भी किसानों द्वारा और सरपंचों द्वारा बताया गया जिस पर अब बिलासपुर कलेक्टर और छत्तीसगढ़ सरकार के उद्योग मंत्री को फैसला लेना है।
मजदूरों के सेफ्टी का नहीं रखते ध्यान…
कालिंदी इस्पात में कुछ दिन पहले ही गिधपुरी के एक मजदूर की ऊपर से गिरकर मौत हो गई जिसके लिए आसपास के 8 से 10 गांव के सरपंचों जनपद सदस्यों और ग्रामीणों द्वारा आंदोलन भी किया गया था इसके बाद प्लांट प्रबंधन मृत मजदूर के परिवार को मुआवजा दिया था मजदूर जिसकी मौत हुई हैँ उसके तीन छोटे छोटे बच्चे हैँ गुप्त सूत्र बताते हैँ की अगर मजदूर सेफ्टी टूल्स के साथ काम कर रहा होता कालिंदी इस्पात इस बात का ध्यान रखता की ऊपर काम करने वाले मजदूर कों सेफ्टी बेल्ट लगवाई होती तो शायद आज वो जिन्दा होता पर यहाँ भी इनकी लापरवाही नें एक गरीब परिवार के मुखिया कों छीन लिया।
सुरु से विवादों में रहा कालिंदी इस्पात…
आपको बताते चले कि कुछ साल पहले आसपास के 10 से 15 गांव के सरपंच और ग्रामीणों ने मिलकर कालिंदी इस्पात के इसी प्रदूषण से परेशान होकर प्लांट को बंद कर दिया था इसके बाद प्लांट को महीनो बाद ग्रामीणों के शर्त पर फिर से शुरू कराया गया जिसमें कई सारी ऐसी बातें प्लांट प्रबंधन के द्वारा प्लांट सुचारू रूप से चालू करने से पहले स्वीकारी गई थी पर उसको अभी तक अमली जामा नहीं पहनाया गया जिसको लेकर भी ग्रामीण काफी आक्रोशित है।