CG – कृतिम आंख से जुडी कुछ विशेष बातें जानते है कृतिम अंग विशेषज्ञ डॉ सुमित्रा से…

कृतिम आंख से जुडी कुछ विशेष बातें जानते है कृतिम अंग विशेषज्ञ डॉ सुमित्रा से।
डॉ सुमित्रा अग्रवाल
यूट्यूब आर्टिफीसियल आई को
कोलकाता
कोलकाता।
कृत्रिम आँख (आर्टिफिशियल आई) का उपयोग करना आसान होता।
काफी बार इसमें कई तरह की चुनौतियाँ सामने आती हैं, जिनमें शारीरिक, तकनीकी, और मानसिक पहलू शामिल हैं।
1. फिटिंग और आराम :
सही फिटिंग का न होना : कृत्रिम आंख का आकार और फिटिंग सही न होने पर असहजता हो सकती है। एक सशक्त कृतिम नेत्र विशेसज्ञ ही सही प्रकार से कृतिम आंख बना सकते है।
जलन और खुजली: अगर आंख सही से फिट न हो या सामग्री से एलर्जी हो, तो जलन या खुजली हो सकती है।
आंख में सूखापन: कृत्रिम आंख को बार-बार साफ करना पड़ता है, क्योंकि यह प्राकृतिक आंख की तरह नमी बनाए नहीं रख सकती। इस लिए आपके कृतिम नेत्र विशेसज्ञ कोई लुब्रिकेटिंग ऑय ड्राप डालने का परामर्श देंगे।
2. सौंदर्य और प्राकृतिक लुक :
प्राकृतिक दिखावट का अभाव : कभी-कभी कृत्रिम आंख असली आंख से मेल नहीं खाती, जिससे व्यक्ति असहज महसूस कर सकता है। इस का मुख्या कारण रेडी मेड आंख पहनना है।
आंखों की गति : कृत्रिम आंख सामान्य आंख की तरह आसानी से घूमती है अगर आपने अपनी मेज़रमेंट से आंख बनवाई है। रेडी मेड स्टॉक ऑय नहीं घूमती है।
3. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं :
संक्रमण : सफाई का ध्यान न रखने पर आंखों के सॉकेट में संक्रमण हो सकता है। अपनी चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप साफ सफाई का ध्यान रखे।
ऊतक में समस्या : लंबे समय तक पहनने से आंख के आसपास की त्वचा या ऊतक में जलन या घाव हो सकता है।
समय-समय पर बदलाव : कृत्रिम आंखें स्थायी नहीं होतीं, इन्हें कुछ वर्षों बाद बदलना पड़ता है।
4. मानसिक और भावनात्मक चुनौतियाँ :
आत्मविश्वास की कमी : लोग अपनी दिखावट को लेकर असहज महसूस कर सकते हैं।
समाजिक दबाव : कई बार समाज में लोग घूरते हैं, जिससे असहजता होती है।
5. तकनीकी चुनौतियाँ :
बायोनिक आंखों में जटिलता : आधुनिक बायोनिक आंखें जो दृष्टि लौटाने का प्रयास करती हैं, उनके लिए उन्नत तकनीक और सर्जरी की आवश्यकता होती है।
महंगी प्रक्रिया : उच्च गुणवत्ता वाली कृत्रिम आंखें बनवाना महंगा हो सकता है।
समाधान क्या हैं ? :
नियमित रूप से सफाई और देखभाल।
अनुभवी ऑकुलिस्ट से सलाह लेना।
समय-समय पर फिटिंग चेक कराना।
मनोवैज्ञानिक सलाह लेना, ताकि आत्मविश्वास बना रहे।
बायोनिक आंखों के लिए विशेषज्ञ सर्जन से परामर्श लेना।
कृत्रिम आंख का उपयोग जितना सावधानी से किया जाए, उतनी ही बेहतर और आरामदायक होती है।