CG – एलबी संवर्ग के शिक्षक रिटायर्मेंट के बाद हो रहे पाई-पाई को मोहताज…

एलबी संवर्ग के शिक्षक रिटायर्मेंट के बाद हो रहे पाई-पाई को मोहताज
कड़े प्रावधान के कारण शिक्षकों को नहीं मिल रही है पेंशन
जगदलपुर। शासन प्रशासन के दांव पेंच और विसंगति पूर्ण नीतियों की वजह से एलबी संवर्ग के शिक्षक रिटायर्मेंट के बाद पाई पाई के लिये मोहताज हो रहे है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष लुदरसन कश्यप ने संविलियन के दौरान 20 साल की सेवा को शून्य किए जाने पर आपत्ति जताया है। विभाग के इस फैसले से शिक्षक पेंशन के लाभ से वंचित हो रहे हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग 1965 के अनुसार पूर्ण पेंशन के लिए 33 साल की सेवा अवधि पूर्ण करना जरूरी है। न्यूनतम 10 की सेवा उपरांत अनुपातिक पेंशन का लाभ मिलेगा।
संघ के प्रान्ताध्यक्ष संजय शर्मा तथा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण श्रीवस्तव ने बताया कि 2018 में संविलियन किए गए कई शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। एक जुलाई 2018 से सेवा अवधि की गणना करने के कारण हजारों शिक्षकों को न्यूनतम पेंशन की पात्रता से वंचित होना पड़ रहा है। स्पष्ट नियमावली नहीं होने के कारण सेवानिवृत्त होने पर शिक्षकों के परिजन संकट के दौर से गुजर रहे हैं क्योंकि पेंशन के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अनिवार्य है।
नियमों में पेंच के चलते 1998 से नियुक्त शिक्षकों का पेंशन पाना सपना बन गया है। संघ के शिवसिंह चंदेल, राजेश गुप्ता, ताहिर शेख, अमित पाल, मनीष ठाकुर, फूलदास नागेश, तुलादास मानिकपुरी, नीलमणी साहू आदि ने सरकार से प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि की गणना कराने की मांग की है।
शासन का रुख :- सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के कुछ आदेशों से शिक्षाकर्मियों की सेवा को पेंशन नियम 1976 के तहत गणना करने का रास्ता खुला है, लेकिन यह पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है।
टीचर्स एसोसिएशन की मांग :- छग टीचर्स एसोसिएशन ने शासन से मांग रखी है कि प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा अवधि की गणना की जाए। साथ ही पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए, जिसमें सेवानिवृत्ति पर मूल वेतन का 50% आजीवन पेंशन के रूप में मिले।



