CG – Nag Panchami Special : छत्तीसगढ़ के इस नाग मंदिर में बड़ी से बड़ी बीमारी होती है ठीक, नागवंशी राजाओं ने बनवाया था ये मंदिर….

दंतेवाड़ा। नाग पंचमी हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जिसे सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से नाग देवता की उपासना और उन्हें दूध अर्पित किया जाता है। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा नाग मंदिर है, जहां नाग देव खुद दर्शन देने आते हैं। ये मंदिर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम से महज 10 किलोमीटर दूर नागफनी नामक ग्राम स्थित है। नागफनी गांव में नाग देवता का ये प्राचीन काल में बना मंदिर है। नागवंशी राजाओं द्वारा स्थापित इस भव्य मंदिर को लेकर नाग की अद्भुत कथाएं चर्चित है। मान्यता है कि इस मंदिर में खुजली की बीमारी, निःसंतान, घरेलू कलह, मासिक धर्म (पीरियड्स) से जुड़ी समस्या को लेकर मन्नत मांगते हैं, जो पूरी भी होती है। यहां हर साल नाग पंचमी के दिन मेला भरता है।
नागवंशी राजाओं ने बनवाया था मंदिर
बता दें कि सालों पुराने इस नाग मंदिर की वजह से ही गांव का नाम नागफनी पड़ा है। पुजारी की मानें तो इस गांव में नाग को मारना वर्जित है, क्योंकि इससे लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां रहने वाले लोग अपना सरनेम भी नाग लिखते हैं। कहा जाता है कि बस्तर में 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच छिंदक नागवंशीय राजाओं का शासन था। वे नागों की पूजा करते थे। इसी कारण यहां की प्रजा भी नागों की उपासक बन गई। छिंदक नागवंशीय राजाओं ने नाग देवता की अद्भुत मूर्तियां बनवाई थी। जिसमें जोड़ा यानी शेषनाग की मूर्ति आज भी वहां मौजूद है। इसी मूर्ति को नागफनी मंदिर में स्थापित किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, इस नाग मंदिर का मुख्य दिशा पश्चिम की ओर है और 11वीं व 12वीं शताब्दियों की मूर्तियां हैं। मंदिर में प्रवेश द्वार के बायीं ओर शिलाखंड में नरसिम्हा की मूर्ति और दायीं ओर शिलाखंड में नृत्यांगना की मूर्ति स्थापित की गई है। सभी मूर्तियां लगभग 23 फीट ऊंची है। मंदिर के गर्भगृह में बायीं ओर नाग-नागिन की मूर्ति व दायीं ओर गणेश भगवान की मूर्ति व शिलाखंड में द्वारपाल की मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा यहां 13वीं शताब्दी की सूर्य देव, भगवान राम-लक्ष्मण, भोलेनाथ, भगवाम कृष्ण और बलराम की भी अद्भुत मूर्तियां स्थापित हैं। साथ ही इस मंदिर में अलग-अलग प्रजातियों के सांपों की तस्वीरें भी लगी हैं। यहां के जंगलों में नागों को संरक्षण मिला हुआ है।
मासिक धर्म से जुड़ी बीमारी ठीक करने की मन्नत
वहीं, जिन महिलाओं को मासिक धर्म की समस्या रहती है, वे भी इस मंदिर में मन्नत मांगती हैं। पुजारी की मानें तो यहां बीमारियों के अलावा पारिवारिक समस्या भी दूर होती है। निःसंतान दंपती भी यहां संतान के लिए मन्नत मांगते हैं। नाग पंचमी के दिन यहां कई कार्यक्रम होते हैं।