CG – खात्मे की ओर नक्सलवाद : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों लिया जंगल का रास्ता छोड़ने का फैसला, एक साथ इतने माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण……

बीजापुर। बस्तर में हालत अब तेज से बदलते हुए दिखाई दे रहा है। हां कभी नक्सल गतिविधियों का बोलबाला था वहीं अब लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण करने का सिलसिला जारी है। अब तक कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि एक बार फिर बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण किए है।
बीजापुर जिले में 84 लाख के इनामी 34 माओवादी ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इनमें ७ महिलाएं भी शामिल है। सरेंडर नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, तेलंगाना राज्य कमेटी और आंध्र ओडिशा सीमा डिवीजन में सक्रिय थे। आत्मसमर्पित करने वाले प्रमुख नक्सलियों में पांड्रू पुनेम (45), रुकनी हेमला (25), देवा उइका (22), रामलाल पोयम (27) और मोटू पुनेम (21) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक पर आठ लाख रुपये का इनाम घोषित है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति के अनुरूप छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में चल रहे सतत और ठोस प्रयासों का परिणाम है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की ‘पूना मारगेम’ नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि संवाद, संवेदनशीलता और विकास, हिंसा से कहीं अधिक प्रभावी समाधान हैं। यह आत्मसमर्पण केवल हथियार छोड़ने की घटना नहीं है, बल्कि भय और भ्रम से मुक्त होकर सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने का निर्णय है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वाले सभी व्यक्तियों के पुनर्वास, सुरक्षा, आजीविका, कौशल विकास और सामाजिक पुनर्समावेशन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि वे समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री ने आज भी भटके हुए युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे हिंसा का मार्ग त्यागें, लोकतंत्र और विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें तथा प्रदेश और देश के निर्माण में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास जारी रहेंगे।



