CG – घटिया निर्माण की दुर्गति: डुगूपारा में निर्मित लाखों का सीसी रोड तीन माह भी नही टिका सरपंच सचिव व अधिकारियों की मिलीभगत से चढ़ा भ्रष्ट्राचार की भेंट पढ़े पूरी ख़बर
0 उखड़ रहे गिट्टियों से लोगों का पैदल चलना हुआ दूभर.
0 ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से की अपेक्षित जांच की मांग
कोरबा//सरकार पंचायतों का कायाकल्प करने के लिए हर साल लाखों करोड़ों रुपए फंड जारी करती है। वहीं कोरबा कोयला व विद्युत उत्पादन जिला होने के कारण इसके राजस्व के रूप में मिलने वाली राशि को खनिज न्यास निधि के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा भी पंचायतों के विकास हेतु मांग के अनुरुप हस्तमुक्त निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है। जिसमें अधिकतर सीसी कांक्रीट रोड, नाली, पुलिया, रिटर्निंग वाल की मांग प्रमुख रहती है। लेकिन शासन- प्रशासन द्वारा ग्राम विकास के लिए लाखों- करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाने के बाद भी ग्रामीण जनता को इसका लाभ सही तौर पर नही मिल पाता। कारण है घटिया निर्माण कार्य, क्योंकि ग्रामों के निर्माण कार्यों पर सरपंच- सचिव और संबंधित अधिकारियों- कर्मचारियों के आपसी मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्ट्राचार को अंजाम दिया जाता है। यही कारण है कि ग्राम विकास पर लाखों करोड़ों फूंकने के बाद भी गांवों की स्थितियां जस की तस बनी हुई है। इसी तरह का एक मामला पोड़ी उपरोड़ा जनपद के सुतर्रा पंचायत का सामने आया है। जहां निर्मित लाखों का सीसी रोड तीन माह भी टिक नही पाया और उक्त सड़क से भ्रष्ट्राचार की भर- भर गिट्टियां बाहर झांकने लगी है। जिसमे ग्रामीणों का पैदल चलना दूभर हो गया है।
जिले के पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत सीमांत ग्राम पंचायत सुतर्रा के डुगूपारा (कर्रापारा) में लाखों के सीसी सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्ट्राचार किया गया। जिसके कारण निर्मित सड़क तीन माह भी टिक नही पाया और घटिया निर्माण से गिट्टियां उखड़कर बाहर आ गई है। जिसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबित गत सम्पन्न पंचायत चुनाव के ठीक बाद डुगूपारा में बंधनसिंह घर से रापाकर्रा तक करीब 300 मीटर सीसी कांक्रीट सड़क का निर्माण पंचायत द्वारा कराया गया, जो सही तरीके से तीन माह भी नही टिका। उक्त निर्माण कार्य के दौरान एजंसी ग्राम पंचायत ने घटिया सामाग्री का भरपूर उपयोग किया। जिसमें सीमेंट का उपयोग निर्माण स्टीमेट से आधे तौर पर किया गया, 20 एमएम गिट्टी के साथ बजरी गिट्टी भी निर्माण में लगाया गया। स्टीमेट के अनुसार सड़क की मोटाई 8 इंच होनी चाहिए, मगर 4 इंच ढलाई कर व किनारों को खोदकर 8 इंच दिखाने का खेल किया गया। वहीं निर्माण में नियमानुसार वायब्रेटर का भी उपयोग नही किया गया तथा निर्माण के बाद सीसी रोड पर पानी तराई भी नही कराई गई। जिस निर्माण कार्य के समय कार्यस्थल का निरीक्षण करने इंजीनियर कभी नही पहुँचा और वातानुकुलित कक्ष में बैठे- बैठे एसडीएओ ने कार्य का सत्यापन कर दिया तो जनपद अधिकारी ने पंचायत को घटिया निर्माण कार्य का पूरा भुगतान भी कर दिया। उक्त निर्माण को लेकर संबंधित अधिकारियों को कोई मतलब नही रहा, उन्हें मतलब था तो केवल अपनी- अपनी कमीशन से, काम चाहे कैसा भी हो, कमीशन मिलते ही घटिया काम भी अच्छा हो गया और अधिकारी वर्ग उसे बिना देखे ही मूल्यांकन, सत्यापन व राशि भुगतान कर दिये। हालांकि यह निर्माण किस योजना से व कितने लाख की थी, इसकी जानकारी तो हासिल नही हो पायी। किन्तु सरपंच- सचिव और जनपद व आरईएस अधिकारी- कर्मचारियों के आपसी सांठगांठ से डुगूपारा में निर्मित लाखों का यह सीमेंट कांक्रीट सड़क भ्रष्ट्राचार का भेंट जरूर चढ़ गया। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़क इतनी जल्दी खराब कैसे हो गई और उनका कहना है कि ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत चुनाव बाद निर्माण कराए गए सीसी रोड में दोपहिया वाहन के अलावा किसी भी प्रकार के भारी वाहन नही चलती, फिर भी 3 महीने में ही सड़क पूरी तरह से जर्जर होकर गिट्टियां बाहर आ गई है और ऐसा नही लगता कि कुछ माह पूर्व ही जिसमे सीसी रोड का निर्माण कराया गया था तथा सड़क की गिट्टी पैदल चलने पर पैरों में चुम्भती है। ग्रामीणों का आरोप कि इस पंचायत में बीते 5 साल के दौरान जीतने भी निर्माण कार्य हुए है, उन सभी मे जिम्मेदारों ने मिलीभगत कर भ्रष्ट्राचार को अंजाम देकर अपनी- अपनी जेबें गरम की हैं। उन्होंने इस निर्माण के अपेक्षित जांच की मांग जिला प्रशासन से की है, ताकि यह पता चल सके कि सड़क निर्माण में किस तरह की सामाग्री का इस्तेमाल किया गया और गुणवत्ता नियंत्रण मामले में कौन- कौन दोषी है।