छत्तीसगढ़

CG – ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट : पहाड़ों के बीच मिला हथियारों का जखीरा, फैक्ट्री, 2 साल का राशन स्टॉक कर रखा था, 450 IED का जाल और बहुत कुछ…..

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन लांच हुआ था। 21 दिनों तक चले इस ऑपरेशन में जवानों ने दो राज्यों के बॉर्डर पर बने नक्सलियों के हेडक्वार्टर को ध्वस्त कर दिया। इसमें नक्सलवाद के खिलाफ भारत ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कुर्रगुट्टालू हिल्स में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के तहत सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया।

चार नक्सली हथियार फैक्ट्रियों किया ध्वस्त

छत्तीसगढ़ के DGP अरुण देव गौतम ने पुष्टि की कि इस ऑपरेशन में चार नक्सली हथियार फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया गया है। नक्सलियों ने कर्रेगुट्टा हिल्स में करीब दो साल का राशन जमा कर रखा था, उन्हें भरोसा था कि सुरक्षा बल वहां तक नहीं पहुंच पाएंगे। लेकिन जवानों ने इसे भी बरामद कर लिया है।

इस ऑपरेशन को कोडनेम “ब्लैक फॉरेस्ट” दिया गया था, जिसमें 31 नक्सली मारे गए, जिनमें कई ACM (एरिया कमेटी मेंबर) और DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर) जैसे ऊंचे रैंक के नक्सली शामिल थे।

बता दें कि ये ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही नक्सलियों ने एक चिट्ठी जारी की थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि कर्रेगुट्टा जाने के रास्ते में उन्होंने 450 से ज्यादा IED बिछा रखे हैं लिहाजा गांव वाले इन रास्तों का इस्तेमाल न करें। इसी के मद्देनजर सुरक्षाबलों ने नई रणनीति अपनाई। जिसके तहत वे या तो हेलीकॉप्टर के जरिए पहाड़ कीचोटी पर पहुंचे या फिर रस्सियों के सहरे सीधी चढ़ाई करके। हालांकि बाद में जवानों ने 450 से अधिक IED बरामद और निष्क्रिय भी कर दिए। इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के कब्जे से UBGL, INSAS राइफल, SLR और एयर गन जैसे सैकड़ों हथियार जब्त किए गए। ये पूरी बरामदगी या ऑपरेशन ये भी दर्शाता है कि नक्सलियों ने कितने बड़े स्तर पर सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की तैयारी कर रखी थी।

पहली बार नक्सलियों की हथियार फैक्ट्री से दो “मेगा स्नाइपर राइफल्स” बरामद की गईं, जिन्हें नक्सलियों ने खुद तैयार किया था।सुरक्षाबलों को स्नाइपर राइफल बनाने के लिए हाथ से लिखी किताब भी मिली, जिससे पता चलता है कि नक्सलियों के पास हथियार निर्माण की तकनीकी की जानकारी थी।

इस इलाके में नक्सलियों ने 150 से ज्यादा बंकर बनाकर रखे थे। ये बड़े नक्सलियों के छिपने का सबसे सुरक्षित ठिकाना था। बताया जाता है 1000 से ज्यादा नक्सली इसमें आसानी से रह सकते थे। 21 दिनों के सबसे बड़े ऑपरेशन में जवानों ने नक्सलियों के हेडक्वार्टर को ही ध्वस्त कर दिया है। अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन से नक्सल संगठन भी कांप चुका है और सरकार से बार-बार शांतिवार्ता की गुहार लगा रहा है।

Related Articles

Back to top button