छत्तीसगढ़

CG – पंचायत विभाग का शिक्षकों को जोर का झटका : क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर दायर सभी अभ्यावेदन को किया खारिज, हाईकोर्ट के फैसले का हवाला, एरियर्स पर नहीं मिलेगा लाभ….

बिलासपुर। शिक्षका सोना साहू की तर्ज पर क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ तकरीबन 62 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के जरिए हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी। सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान मिलते ही इन शिक्षकों ने पंचायत विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश कर क्रमोन्नत वेतनमान के भुगतान की मांग की थी, साथ ही हाई कोर्ट के सोना साहू प्रकरण में फैसले का हवाला भी दिया है।

सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अभ्यावेदन की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया है। जारी आदेश में सोना साहू के प्रकरण में हाई कोर्ट के आदेश का हवाला दिया है। इसमें लिखा है कि हाई कोर्ट ने भी स्पष्ट किया है कि 10 मार्च 2017 के परिपत्र, आदेश के मात्र अवलोकन से प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने 24 अप्रैल 2006 के पूर्ववर्ती परिपत्र,आदेश के संदर्भ में सहायक शिक्षकों को प्रथम क्रमोन्नति 10 वर्षों के पश्चात् और द्वितीय क्रमोन्नति 20 वर्षों के पश्चात् प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह स्पष्ट है कि केवल काल्पनिक वेतन निर्धारण किया जाएगा तथा कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के एरियर्स की राशि का अधिकार नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन में क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत करने, एरियर्स राशि की गणना एवं भुगतान करने की मांग की गई है, जो कि हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश 28.फरवरी 2024 के पैरा 09 में अभिलिखित टिप्पणी के अनुसार भी प्रासंगिक नहीं है।

लिहाजा शिक्षक (पंचायत) संवर्ग में नियुक्ति की तिथि से लेकर शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग में संविलियन की तिथि की अवधि के लिए क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ प्रदान करने / एरियर्स राशि की गणना एवं भुगतान करने के संबंध में, याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर हाई कोर्ट द्वारा 17 सितंबर 024 को पारित आदेश के अनुक्रम में विचार किया गया। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के कर्मचारी होने से परिपत्र 10 मार्च 2017 के प्रभावशीलता के संबंध में विचार करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ही सक्षम विभाग है। विचारोपरांत उपरोक्त कंडिकाओं में वर्णित तथ्यों / विवेचना के आधार पर, याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन को अमान्य किया जाता है।

महेंद्र कुमार कोरी एवं पांच अन्य,गोपाल जैन एवं सात अन्य,हेेमिन पिस्दा दो अन्य,निर्मल कुमार विश्वकर्मा एवं 12 अन्य,मधुस्मिता दास एवं चार अन्य,चंद्रप्रभा यादव एवं 10 अन्य,अरविंद कुमाार द्विवेदी एवं 13 अन्य, केदारनाथ सुनहरे,भरतलाल कैवर्त।

पंंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेशभर के जिला पंचायत सीईओ को जारी पत्र में कहा है कि पंचायत संचालनालय के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि जिला स्तर पर शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के कर्मचारियों द्वारा क्रमोन्नत वेतनमान के संबंध में बड़ी संख्या में अभ्यावेदन हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेशों के अनुसार प्रस्तुत किए जा रहे है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अभ्यावेदनों का निराकरण हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुरूप प्रकरण के गुण-दोष के आधार पर निर्धारित समय-सीमा में करना है,ताकि अवमानना की स्थिति उत्पन्न न हो।

छत्तीसगढ़ शिक्षक (पंचायत) संवर्ग (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 2018 प्रभावशील है। जिसके नियम 5 एवं संबंधित अनुसूची अनुसार, सेवा का वर्गीकरण तथा उससे संलग्न वेतनमान हेतु शिक्षक (पंचायत) संवर्ग हेतु सक्षम प्राधिकारी “जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति” है। क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किए जाने के संदर्भ में प्रस्तुत अभ्यावेदनों के निराकरण के संबंध में सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पारित आदेशों की कापी सुविधा के लिए साथ में भेजे जाने की भी जानकारी दी है। यह हिदायत भी दी है कि प्रकरण के तथ्यों एव विधिक प्रावधानों की स्थिति को स्पष्ट विवेचना करते हुये आदेश पारित किया गया है। इन आदेशों का गंभीरता के साथ अध्ययन कर, शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों का निराकरण, प्रकरण के विशिष्ट गुण-दोष के आधार पर करने की हिदायत दी है।

पंचायत विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी 10.मार्च 2017 को जारी निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि याचिकाकर्ताओं पर क्रमोन्नत वेतनमान उसी दिनांक से प्रभावशील होगा जब वे स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के पद पर संविलियन किये गये है। संविलियन तिथि के पूर्व उन पर शिक्षाकर्मी, शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारियों पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सेवा भर्ती नियम व दिशा-निर्देश प्रभावशील होने के कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी समयमान वेतनमान परिपत्र 01.मई .2012 के अनुसार मात्र समयमान वेतनमान प्राप्त करने की पात्रता नियमानुसार थी। जो कि प्रस्तुत प्रकरण में चाहे गये अनुतोष का विषय नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 10.मार्च 2017 को जारी निर्देश शिक्षक (पंचायत) संवर्ग में नियुक्ति की तिथि से लेकर शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग में संविलियन की तिथि की अवधि तक प्रभावशील नहीं होंगे। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन के पश्चात शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के कर्मचारी होने से परिपत्र 10.मार्च.2017 के प्रभावशीलता एवं लाभ के संबंध में विचार करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ही सक्षम है।

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