छत्तीसगढ़

CG – पंचायत विभाग ने क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर जारी किया आदेश, एरियर्स की राशि को लेकर क्लियर की ये बात…..

रायपुर। सोना साहू के मामले का हवाला देते हुए पंचायत विभाग ने जिला पंचायत के सीईओ को पत्र लिखकर शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान के संबंध में जरुरी दिशा निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में पंचायत विभाग ने साफ कर दिया है कि शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान के साथ एरियर्स की राशि नहीं दी जाएगी। जिन शिक्षकों ने याचिका दायर की थी उनके द्वारा पेश अभ्यावेदन पर ही क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर निर्णय करने का निर्देश दिया गया है।

पंंचायत विभाग द्वारा प्रदेशभर के जिला पंचायत सीईओ को जारी पत्र में कहा है कि पंचायत संचालनालय के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि जिला स्तर पर शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के कर्मचारियों द्वारा क्रमोन्नत वेतनमान के संबंध में बड़ी संख्या में अभ्यावेदन हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेशों के अनुसार प्रस्तुत किए जा रहे है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अभ्यावेदनों का निराकरण हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुरूप प्रकरण के गुण-दोष के आधार पर निर्धारित समय-सीमा में करना है,ताकि अवमानना की स्थिति उत्पन्न न हो।

छत्तीसगढ़ शिक्षक (पंचायत) संवर्ग (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 2018 प्रभावशील है। जिसके नियम 5 एवं संबंधित अनुसूची अनुसार, सेवा का वर्गीकरण तथा उससे संलग्न वेतनमान हेतु शिक्षक (पंचायत) संवर्ग हेतु सक्षम प्राधिकारी “जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति” है। क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किए जाने के संदर्भ में प्रस्तुत अभ्यावेदनों के निराकरण के संबंध में सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पारित आदेशों की कापी सुविधा के लिए साथ में भेजे जाने की भी जानकारी दी है। यह हिदायत भी दी है कि प्रकरण के तथ्यों एव विधिक प्रावधानों की स्थिति को स्पष्ट विवेचना करते हुये आदेश पारित किया गया है। इन आदेशों का गंभीरता के साथ अध्ययन कर, शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदनों का निराकरण, प्रकरण के विशिष्ट गुण-दोष के आधार पर करने की हिदायत दी है।

सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र का दिया हवाला और हिदायत भी दी

पंचायत विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी 10.मार्च 2017 को जारी निर्देश का हवाला देते हुए कहा है कि याचिकाकर्ताओं पर क्रमोन्नत वेतनमान उसी दिनांक से प्रभावशील होगा जब वे स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के पद पर संविलियन किये गये है। संविलियन तिथि के पूर्व उन पर शिक्षाकर्मी / शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारियों पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सेवा भर्ती नियम / दिशा-निर्देश प्रभावशील होने के कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी समयमान वेतनमान परिपत्र 01.मई .2012 के अनुसार मात्र समयमान वेतनमान प्राप्त करने की पात्रता नियमानुसार थी। जो कि प्रस्तुत प्रकरण में चाहे गये अनुतोष का विषय नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 10.मार्च 2017 को जारी निर्देश शिक्षक (पंचायत) संवर्ग में नियुक्ति की तिथि से लेकर शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग में संविलियन की तिथि की अवधि तक प्रभावशील नहीं होंगे। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन के पश्चात शिक्षक (एल.बी.) संवर्ग के कर्मचारी होने से परिपत्र 10.मार्च.2017 के प्रभावशीलता एवं उससे उद्भूत होने वाले लाभ के संबंध में विचार करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ही सक्षम है।

इसके अतिरिक्त यह भी विचारणीय है कि केवल शिक्षा विभाग के भर्ती नियम अनुसार कार्यरत शिक्षक संवर्ग हेतु, छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभाग के परिपत्र 24.अप्रैल 2006 के संदर्भ में सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान प्रदाय किये जाने बावत जारी निर्देश 10.मार्च्र .2017 की कंडिका-2 में उल्लेख है कि “सहायक शिक्षक को प्रथम क्रमोन्नति 10 वर्ष बाद एवं द्वितीय क्रमोन्नति 20 वर्ष बाद प्रदान की जाए।” एवं कंडिका-3 में उल्लेख है कि “उपरोक्त निर्णय के संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि क्रमोन्नति की देयता तिथि के अनुसार केवल काल्पनिक वेतन निर्धारण किया जाएगा एवं किसी प्रकार के एरियर्स देय नहीं होंगे।”

हाई कोर्ट द्वारा भी उक्त पैरा में स्पष्ट किया है कि 10.मार्च.2017 के परिपत्र/आदेश के मात्र अवलोकन से प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने 24. अप्रैल.2006 के पूर्ववर्ती परिपत्र / आदेश के संदर्भ में सहायक शिक्षकों को प्रथम क्रमोन्नति 10 वर्षों के पश्चात् और द्वितीय क्रमोन्नति 20 वर्षों के पश्चात् प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह स्पष्ट है कि केवल काल्पनिक वेतन निर्धारण किया जाएगा तथा कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के एरियर्स की राशि का अधिकार नहीं होगा।

Related Articles

Back to top button