CG पटवारी-बाबू गिरफ्तार : घूसखोरों के खिलाफ ACB की बड़ी कार्रवाई, पटवारी को 25 हजार और बाबू को 30 हजार की घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा, कार्रवाई से मचा हड़कंप…..

रायपुर/मुंगेली। छत्तीसगढ़ में एन्टी करप्शन ब्यूरो की घूसखोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में एसीबी ने रिश्वतखोर बाबू और पटवारी को पकड़ा है। रविशंकर विवि में पदस्थ बाबू ने पेंशन ग्रेज्युटी के नाम पर सेवानिवृत्त क्लर्क से 30 हजार की रिश्वत ले रहे थे। इसी दौरान उन्हें एसीबी की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा है। इसी तरह से मुंगेली में पदस्थ पटवारी को भी 25 हजार की रिश्वत लेते एसीबी ने पकड़ा है।
रायपुर में बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार
प्रार्थी प्रकाश सिंह ठाकुर, लखौली, जिला-रायपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत की थी कि वह पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से उ.श्रे.लि. वर्ग-1 के पद से सेवानिवृत्त हुआ है, जिसकी पेंशन / ग्रेज्युटी रूकने से बाबू दीपक शर्मा से मिलने पर उनके द्वारा पेंशन / ग्रेज्युटी जारी करवाने के एवज में 30,000 रिश्वत की मांग की जा रही है।
प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् आज 10.06.2025 को ट्रेप आयोजित कर बाबू दीपक शर्मा को 30,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।
मुंगेली में पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
प्रार्थी टोप सिंह अनुरागी निवासी नगर पंचायत बोदरी जिला बिलासपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो में शिकायत किया कि उसके तथा उसके भाई और बहनों के नाम पर ग्राम केसलीकला जिला मुंगेली में जमीन है, जिसके रिकॉर्ड में उसका नाम टोप सिंह की जगह तोप सिंह लेख हो गया है तथा बहन के नाम के आगे ‘पिता के नाम’ की जगह ‘पति’ शब्द लेख हो गया है जिसे सुधार कराने, जमीन का नक्शा, खसरा, बी-वन प्राप्त करने के लिए वह केसलीकला पटवारी उत्तम कुर्रे से मिलने पर उनके द्वारा काम करा देने के एवज में 25,000 रिश्वत की मांग की गई।
प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन पश्चात् आज ट्रेप आयोजित कर पटवारी उत्तम कुर्रे को 25,000 रिश्वत लेते रंगे पकड़ा गया।
आरोपी को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।