छत्तीसगढ़

CG – पी एम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार में हुई जाँच रिपोर्ट भेजा गया मुख्यालय बच्चों नें बुधवार कों किया था प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कई चौकाने वाले तथ्य आए सामने जानें पढ़े पूरी ख़बर

मस्तूरी//मल्हार स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में बीते बुधवार कों बच्चों के आंदोलन के बाद शासन प्रशासन हरकत में आई और एक उच्च लेवल अधिकारीयों की जाँच टीम बनाई गई जिसमे कुछ हाई स्कूल के प्रिंसिपल शामिल थे जिनकी जाँच रिपोर्ट आज ऊपर भेज दिया गया हैँ बताया जाता हैँ की जाँच टीम द्वारा बच्चों से उनकी शिकायत के आधार पर बयान भी लिया गया हैँ और उनकी प्रत्तेक आरोप का कड़ी दर कड़ी जाँच किया गया हैँ जिसमे यह बात सामने आई हैँ की यहाँ के प्रभारी प्रिंसिपल कों छात्र के तबियत बिगड़ने पर बताया गया था की हर्षित यादव की तबियत बहुत ख़राब हैँ पर उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया और उनको आराम करने और मेडिसिन लेने की बात कहीं गई बताया जाता हैँ की हर्षित तबियत बिगड़ने के बावजूद एग्जाम देनें आया पर दे नहीं पाया और वही किसी कक्ष में आराम कर रहा था उसकी तबियत और गंभीर होती चली गई तब स्कूल प्रबंधन नें उसके पिता जयप्रकाश यादव कों इसकी सुचना दी पिता लगातार प्रभारी प्रिंसिपल पर लापरवाही का आरोप लगा रहें हैँ उनका कहना है की इनकी लापरवाही के कारण उनके बच्चे कों आज मौत का सामना करना पड़ा और मेरा घर मेरा आंगन आज सुना हो गया हैँ समय रहते इलाज मिला होता तो उनका होनहार बेटा आज जीवित होता।

बड़ा सवाल…

आखिर इतने बड़े स्कूल और यहाँ स्कूल प्रबंधन पर इतना गंभीर आरोप एक पिता द्वारा लगाया जा रहा हैँ जिसका बेटा आज हम सब के बीच नहीं रहा क्यों और क्यों हर्षित की तबियत ख़राब होनें की जानकारी उनके पिता कों पहले नहीं दी गई क्या स्कूल प्रबंधन का यह कार्य नहीं हैँ बच्चों के पालक यहाँ पढ़ने लिखने वाले बच्चों कों यहाँ किसके हवाले छोड़ेंगे अगर प्रबंधन ऐसी लापरवाही करेंगे तो पालक क्या करें बड़ा सवाल ये भी हैँ की यहाँ पढ़ने वाला कोई बच्चा जो गंभीर रुप से बीमार हो जो गाड़ी में बैठने लायक न हो फिर भी यहाँ गाड़ी होनें पर प्रिंसिपल उसमे मीटिंग में चलें जाए तो क्या सरकारी एम्बुलेंस या दूसरी गाड़ी नहीं बुलाई जानी चाहिए थी। एक पिता अपने बेटे कों दो पहिया गाड़ी में बांध के लें कें गया और उसकी मौत हो गई इससे दुखद बात और क्या हो सकती हैँ क्या प्रबंधन का कार्य सिर्फ बच्चों पर हिटलर साही चलाना हैँ क्यों की जिस तरह से बच्चों नें ऑन कैमरा बताया हैँ की स्कूल की कोई भी गलती बाहर बताने पर उनका क्लास लगाया जाता हैँ तो क्या यहाँ का प्रिंसिपल 24 घंटे सोते रहता हैँ जिसको जानकारी नहीं होती इनके एक छात्र की तबियत बिगड़ जाती हैँ फिर उसकी मौत हो जाती हैँ पर यहाँ एक एम्बुलेंस नहीं बुलाई जा सकती क्यों की एम्बुलेंस आता तो शायद सबको पता चल जाता और बात बाहर आ जाती तो क्या स्कूल प्रबंधन सिर्फ बात छिपाने के लिए किसी की जान से खेल सकती हैँ ये सवाल इसलिए क्यों की यहाँ पुरे जिले से हजारों विद्यार्थी अभी भी पढ़ाई कर रहें हैँ। क्या इतना होनें के बाद भी यहाँ का प्रिंसिपल अपने पद पर बने रहने के हक़दार हैँ क्या इनपर कड़ी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए इस बात की क्या गारंटी हैँ की यहाँ फिर से ऐसा नहीं होगा?

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