CG – पोस्टिंग निरस्त : पदोन्नति पोस्टिंग घोटाले में गिरी गाज, शिक्षा विभाग का लिपिक निलंबित, 94 प्रधान पाठकों की पोस्टिंग निरस्त…..

कांकेर। कांकेर जिले के स्कूल शिक्षा विभाग में पदस्थापना प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। सहायक शिक्षक (एल.बी.) से प्रधान पाठक पदोन्नति के बाद काउंसिलिंग आधारित पदस्थापना में नियम विरुद्ध संशोधन करने पर सहायक ग्रेड-02 लिपिक प्रकाश तिवारी, शासकीय हाई स्कूल मांझापारा (संबद्ध कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कांकेर) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, इस प्रकरण में प्रकाश तिवारी को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। लेकिन उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब असंतोषजनक पाया गया। इसके बाद छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत निलंबन की कार्रवाई की गई। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय खण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड चारामा नियत किया गया है तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
नियम विरुद्ध पदस्थापना संशोधन के मामले में 94 प्रधान पाठकों की पोस्टिंग को निरस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग जगदलपुर की जांच रिपोर्ट के बाद की गई। समिति द्वारा की गई विस्तृत जांच में यह तथ्य सामने आया कि पदोन्नति संशोधन में पदस्थापना आदेश नियमों के विपरीत जारी किए गए थे।
इस गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ जब संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बस्तर जगदलपुर ने 23 जुलाई 2025 को कांकेर का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रधान पाठकों की पदस्थापना से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई। प्रारंभिक जांच में ही अनियमितताएं सामने आ गईं। इसके बाद एक समिति गठित कर सभी बिंदुओं पर विस्तृत जांच कराई गई। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें पदस्थापना आदेश को नियम विरुद्ध पाया गया।
दरअसल, छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय महानदी भवन, नया रायपुर ने 29 मार्च 2023 को आदेश जारी किया था कि 320 दिन की अवधि के लिए केवल 265 रिक्त पदों पर ही प्रधान पाठक प्राथमिक शाला में पदस्थापना की जा सकती है। लेकिन इस आदेश की अनदेखी करते हुए 265 पदों के स्थान पर 55 अतिरिक्त पदों पर भी नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए।
गौरतलब है कि यह आदेश उच्च कार्यालय से किसी प्रकार की अनुमति लिए बिना जारी हुआ। जांच में स्पष्ट हुआ कि यह कार्रवाई शासन के पूर्व निर्देशों के विपरीत थी। इसी कारण से जिन 94 प्रधान पाठकों के एकल पदस्थापना आदेश जारी किए गए थे, उन्हें निरस्त कर दिया गया है।
इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निलंबन की कार्रवाई के बाद अब उच्च स्तरीय जांच की भी संभावना जताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि पदस्थापना से जुड़े सभी मामलों की गहन समीक्षा की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी न हो सके।