धमतरी। वो कहते हैं न जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, ऐसे एक मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के चरोटा गांव से आया है। जहां नाले के पास जीवित नवजात मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है। बच्चे को यूरिया खाद वाली प्लास्टिक की बोरी में भरकर नाले में फेंक दिया गया था। कुछ लोगों ने सुबह की सैर के दौरान रोने की आवाज सुनी, तब नवजात का पता चला। इसके बाद तुरंत ही गांव की मितानिन को बुलाया गया, फिर मितानिन ने बच्चे को धमतरी जिला अस्पताल पहुंचाया, जिससे नवजात की जान बच गई।
नवजात को धमतरी जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में गहन चिकित्सा में रखा गया है, जहां डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल कर रही है। जिला अस्पताल धमतरी के डॉ. अखिलेश देवांगन ने बताया, अस्पताल में एक नवजात शिशु बच्चे को भर्ती कराया गया है। बच्चे का तापमान कम हो गया था, जिसके कारण उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है इसलिए बच्चों को एसएनसीयू में ऑक्सीजन देकर रखा गया है।
माना जा रहा है कि यह अवैध संबंधों का परिणाम हो सकता है। लोकलाज के भय से मां ने बच्चे को लावारिश हालात में छोड़ दिया होगा। बाल समिति के नोडल अधिकारी राजीव गोस्वामी ने बताया कि बच्चे को एक हफ्ते तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा। बच्चे की स्थिति ठीक होने के बाद बाल कल्याण समिति में पेश किया जाएगा। इसके बाद दत्तक ग्रहण के लिए भेज दिया जाएगा। इस मामले में भखारा थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही महिला एवं बल विकास विभाग ने भी बच्चे से जुड़ी जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी है।