CG – सीपत का पोंड़ी गाँव खूब बटोर रही सुर्खियां दूसरे जाती का होकर आदिवासी बैगा बन पा लिया दर्जनों नें सरकारी नौकरी मचा बवाल जानें पूरा मामला पढ़े पूरी ख़बर
बिलासपुर//छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला और जिले का सीपत क्षेत्र सीपत क्षेत्र का एक छोटा सा गांव जिसका नाम है पोंड़ी जो आजकल फर्जीवाड़ा को लेकर खूब सुर्खियों में बना हुआ है यहां कुछ लोग फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे अलग-अलग सरकारी विभागों में छत्तीसगढ़ के अलग अलग जगहों में अलग-अलग पोस्ट पर तैनात हैं जिसका भेद अब धीरे-धीरे खुल रहा है दबे जुबान ही सही पर गांव में यह चर्चा का विषय बना हुआ है किसी से भी पूछने पर जानकारी तो मिल जाएगी लेकिन उनके जुबां में एक बात रहती है किसी से मेरा नाम मत लेना या मेरा नाम कहीं पर भी न्यूज़ या अन्य मीडिया में मत छापना
क्या हैं पूरा मामला?
दरअसल पोंड़ी गाँव सीपत के समीप हीं बसा हैं इस गांव में लगभग सभी जाति वर्ग के लोग रहते हैं यहाँ आदिवासियों की संख्या भी ठीक-ठाक है पर कुछ लोंग आदिवासियों के हक को छीन कर आदिवासी बैगा जाति का होने का फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने आप को आदिवासी मूल का बैगा जाती का बता कर सरकारी नौकरी प्राप्त कर लिए हैं और गांव वाले इस पूरे मामले पर डर के मारे कुछ बोलने से बचते नजर आ रहे हैं कोई भी मुंह खोलता है तो उसकों जान से मारने की धमकी भी इनके द्वारा दी जा रही है बताया जाता है कि इन्होंने फर्जी तरीके से आदिवासी मूल का बैगा जाति का होने का जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया है और इसी के सहारे यह सरकारी नौकरी कर रहे हैं इनकी संख्या 20 से 30 के बीच होने का दावा किया जा रहा हैं हालांकि यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इसमें कितनी सच्चाई है पर जिस तरह से यह मामला सुर्खियां बटोर रहा है गंभीर जरूर लग रहा है और इस पर निश्चित रूप से शासन प्रशासन को जांच करानी चाहिए और दूध का दूध और पानी का पानी कर देना चाहिए क्योंकि मामला सरकारी नौकरी का नहीं है मामला है आदिवासियों की हक की क्योंकि जो रियल में आदिवासी हैं जिनको नौकरी मिलनी चाहिए वह इनके जैसे फर्जी लोगों के वजह से नौकरी से वंचित हो जा रहे हैं जिनका इन नौकरियों में हक है जिनको आरक्षण मिला हुआ है उनको इन जैसे फर्जी लोगों के वजह से उनका हक नहीं मिल पा रहा है इसलिए इस पर जांच बहुत ही जरूरी है देखना होगा शासन प्रशासन कब इस पूरे मामले पर संज्ञान लेती है और जांच करा कर मूल आदिवासियों की हक छीनने वाले इन फर्जी लोगों को सजा मिलती है और कब इनको फर्जी तरीके से पाए गए नौकरी से निकाला जाता है और कानूनी कार्रवाई की जाती है।