छत्तीसगढ़

CG – दोस्ती, नशा और ब्लैकमेलिंग का खेल : हनी ट्रैप का शिकार हुआ सराफा कारोबारी, स्पा में भेजकर वीडियो बनाया, दो साल ब्लैकमेल कर तोमर ब्रदर्स ने वसूले इतने करोड़….

रायपुर। छत्तीसगढ़ की रायपुर में सक्रिय तोमर ब्रदर्स के सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग गैंग की करतूतें लगातार उजागर हो रही हैं। गैंग की ठगी का शिकार हुए एक सराफा कारोबारी ने अब सामने आकर बताया है कि किस तरह उसने करीब 1.5 करोड़ रुपए गंवा दिए। सूदखोरी और जबरन वसूली को लेकर पहले से बदनाम वीरेंद्र तोमर उर्फ रूबी और उसके भाई रोहित तोमर पर अब हनी ट्रैप रैकेट चलाने का गंभीर आरोप लगा है। कारोबारी की रेकी कर दोस्ती बढ़ाना, नशे की लत लगाना और फिर अश्वलील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना तोमर गैंग का यही खतरनाक फॉर्मूला था।

एक सराफा कारोबारी को इसी तरह शिकार बनाया और लगभग 1.5 करोड़ वसूले गए। अब पीड़ित कारोबारी ने की आपबीती सुनाई है कि वह कैसे तोमर ब्रदर्स के जाल में फंसा। वहीं कई पीड़ित बदनामी के डर से सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।

दोस्ती से हनी ट्रैप का खेल, ब्लैकमेलिंग पर खत्म

दरअसल, रायपुर में सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग में लिप्त वीरेंद्र तोमर और उसके भाई रोहित तोमर मामले में एक नया खुलासा हुआ है। आरोपी वीरेंद्र तोमर और उसका भाई रोहित तोमर सिर्फ जबरन वसूली ही नहीं करते थे, बल्कि एक संगठित हनी ट्रैप गैंग भी चलाते थे। गिरोह पहले कारोबारियों की रेकी करता, फिर उनसे दोस्ती कर उन्हें बार और पब लेकर जाता और धीरे-धीरे नशे की आदत डाल देता था। फिर हनी ट्रैप में फंसाते थे। इसके बाद अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग और मोटी वसूली करते थे। (Raipur Honeytrap Case)

होटल–पब में बनाए अश्लील वीडियो

तोमर ब्रदर्स के जाल में फंस कर करोड़ों रुपए गंवाने वाले पीड़ित सराफा कारोबारी ने बताया कि उसकी मुलाकात समता कॉलोनी के एक स्पा में राज नामक युवक से हुई, जो बाद में इस गैंग का हिस्सा निकला। वह कारोबारी को नशे की हालत में होटल और फ्लैट ले जाकर लड़कियों के साथ वीडियो बनाता था। बाद में इन्हीं वीडियो के नाम पर ब्लैकमेलिंग शुरू हुई।

25 हजार से शुरू हुई वसूली, 2 लाख प्रतिदिन तक पहुंची

कारोबारी से पहले 25 हजार रुपये लिए। फिर 5 लाख मांगे। पैसे नहीं देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। कारोबारी को वीरेंद्र–रोहित के पास ले जाया गया, जहां उसे 5 लाख रुपये का लोन देने के बदले 25% रकम काटकर सिर्फ 3.25 लाख दिए गए। इसके बाद रोजाना वसूली शुरू हो गई।

5 हजार प्रतिदिन → 2 लाख प्रतिदिन तक

पीड़ित ने दुकान का सामान, परिवार के गहने और लगभग 6 किलो सोना भी दे दिया। एक साल में 5 लाख का लोन 1.5 करोड़ में बदल गया।

डर के कारण सामने नहीं आते पीड़ित

पीड़ित कारोबारी ने बताया कि ऐसे कई लोग हैं जो बदनामी और जान के डर से शिकायत नहीं कर पा रहे। कई कार्यवाही के बावजूद रोहित तोमर अब भी फरार है। वीरेंद्र तोमर को 163 दिन बाद ग्वालियर से गिरफ्तार किया गया था।

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